नई दिल्‍ली।‘निर्भया’ गैंगरेप के दोषियों के लिए तिहाड़ में फांसी का फंदा तैयार है। इंतजार है तो अब

सिर्फ फांसी की तारीख का जो 7 जनवरी को तय हो सकती है। यह कहना है अधिवक्‍ता राजीव मोहन

का जो मामले में अभियोजन पक्ष के वकील हैं।

 

राजीव मोहन के मुताबिक, दोषियों को अपनी सजा के खिलाफ अपील या राष्ट्रपति के पास दया याचिका

दायर करने का पर्याप्त समय दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि अदालत बिना किसी अड़चन के अब

चारों दोषियों के नाम पर डेथ वॉरंट जारी कर सकती है। फांसी की सजा के खिलाफ दोषियों की कोई

अपील कहीं भी पेंडिंग नहीं है। उन्हें हर कानूनी विकल्प के इस्तेमाल के लिए वाजिब समय दिया जा चुका है।

 

उन्‍होंने बताया कि राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करने के ल‍िए दी गई अवधि भी पूरी हो

चुकी है। इसीलिए अदालत 7 जनवरी को ही उन्हें फांसी पर चढ़ाने का वॉरंट जारी कर सकती है।

 

जहां तक क्यूरेटिव पिटिशन (सुधारात्मक याचिका) की बात है तो वह डेथ वॉरंट जारी होने के बाद

भी दायर हो सकती है। उस पर सुनवाई की मंजूरी मिलने पर डेथ वॉरंट के एग्जिक्यूशन पर

अपने आप रोक लग जाएगी। लेकिन, विकल्प मौजूद होने के आधार पर डेथ वॉरंट को जारी

होने से नहीं रोका जा सकता।

 

बता दें कि पीड़ित के पैरंट्स ने दोषियों के लिए डेथ वॉरंट जारी करने की जो मांग की है, उस पर

आगे की सुनवाई के लिए 7 जनवरी की तारीख पहले से तय है। इससे जेल में बंद चारों दोषियों

की नींद भले उड़ी हो पर उनके वकील एपी सिंह आश्वस्त हैं। सिंह को उम्मीद है कि महज इस

जवाब के आधार पर ही उस दिन भी मौत की तारीख तय किए बिना अदालत की कार्यवाही

स्थगित हो जाएगी।

 

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