मुुंबई/नई दिल्ली। बीते सप्ताह एक चौथाई प्रतिशत की गिरावट में बंद होने वाले शेयर बाजार

की दिशा आने वाले सप्ताह में वैश्विक कारकों पर निर्भर करेगी। अमेरिका और ईरान के बीच

जारी भू-राजनैतिक तनाव पर निवेशकों की नजर होगी। यदि तनाव बढ़ता है तो विदेशी बाजारों

के साथ घरेलू बाजारों में भी गिरावट देखी जा सकती है। इसके अलावा निवेशकों की नजर अमेरिका

और चीन के बीच व्यापार युद्ध पर भी होगी। इस सिलसिले में दोनों देशों के बीच सैद्धांतिक

समझौता हो चुका है, लेकिन उसके विवरण अब तक सामने नहीं आने से अब निवेशकों में

आशंका बढ़ने लगी है।

 

गत सप्ताह पांच कारोबारी दिनों में से 3 में बाजार में गिरावट रही। इससे बीएसई का 30 शेयरों

वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 110.53 अंक यानी 0.27 प्रतिशत की गिरावट में सप्ताहांत पर

41,464.61 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 19.15 अंक यानी

0.16 प्रतिशत टूटकर 12,226.65 अंक पर आ गया।

 

3 दिन में विदेशी निवेशकों ने भारतीय पूंजी बाजार से 2,418 करोड़

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने नए साल की शुरुआत में जमकर मुनाफा काटा है।

एफपीआई ने जनवरी के पहले तीन कारोबारी सत्रों में ही भारतीय पूंजी बाजार से 2,418 करोड़ रुपए

निकाल लिए हैं। डिपॉजिटरी के ताजा आंकड़ों के अनुसार एक से तीन जनवरी के दौरान एफपीआई

ने शेयरों से 524.91 करोड़ रुपए और ऋण या बांड बाजार से 1,893.66 करोड़ रुपए की निकासी की।

 

इस तरह उनकी कुल निकासी 2,418.57 करोड़ रुपए रही। एफपीआई ने 2019 में घरेलू बाजारों (शेयर

और ऋण दोनों) में शुद्ध रूप से 73,276.63 करोड़ रुपए डाले। जनवरी, जुलाई और अगस्त को छोड़कर

बीते साल के अन्य महीनों में एफपीआई शुद्ध लिवाल रहे।

 

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