टीआरपी न्यूज बालोद। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के अछोरा गांव में बाघ देखे जाने के बाद

वन विभाग अब अचानकमार के स्निफर डाग नेरो व शिम्बा और हाथी राजू को मदद के

लिए बुलाया है। जिले से पूरी टीम बालोद जिले के लाटाबोड़ पहुंच गई है। दिनभर तलाश

की गई लेकिन बाघ को रेस्क्यू नहीं कर पाए। अब रात को रेस्क्यू ऑपरेशन करने की

बात कही जा रही है।

पिंजरा और ट्रैकिंग कैमरा देख भाग निकला बाघ

 

जिस बस्ती के करीब आधा किमी दूर किया बाघ ने गाय का शिकार किया था वहां बाघ को

पकड़ने के लिए खेत में पिंजरा और ट्रैकिंग कैमरा लगाया,लेकिन यह कोशिश नाकाम हो गई।

मनगटा से शुरू हुआ मूवमेंट

बता दें कि 7 दिन पहले बाघ का मूवमेंट राजनांदगांव के मनगटा गांव से शुरू हुआ। इसके बाद

दुर्ग जिले अछोटी गांव पहुंचा फिर अब बालोद जिले में चहलकदमी की खबरें सामने आ रहीं हैं।

आखिरी लोकेशन लाटाबोड़ से 7 किलोमीटर दूर दिखी है। बाघ की उम्र साढ़े तीन साल होने की

संभावना बताई जा रही है। जानकार कह रहे हैं कि बाघ दिन में नहीं निकलता है।

रात में निकलेगा, इसी बीच उसे पकड़ने की ज्यादा संभावना है।

एटीआर की टीम ने तीन साल में सुलझाए 20 केस

 

अचानकमार टाइगर रिजर्व की डाग स्क्वायड टीम ने पहले भी कई ऐसे मामले हल हैं जिन्हें सुलझाना

बहुत कठिन था लेकिन टीम ने हार नहीं मानी और अपराधियों को सलाखों तक पहुंचवाया।

इसी खूबी के चलते एटीआर की टीम प्रदेश में दोनों डॉग नेरो और शिम्बा की चर्चा है।

दोनों ने तीन साल में 20 केस हल किए हैं। बीते साल यानी 2019 में 13 मामलों को हल किया है।

 

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