टीआरपी न्यूज रायपुर। प्रदेश भाजपा के संगठन चुनाव का क्लाइमेक्स मकर संक्रांति के बाद खत्म हो सकता है।

पार्टी सूत्रों की माने तो दो-तीन दिन के भीतर स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि नए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव कब होगा।

संभावना जताई जा रही है कि मकर संक्रांति के बाद ही प्रदेश भाजपा को नया अध्यक्ष मिल पाएगा।

पार्टी भी उत्तरायण के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कराने की तैयारी में है।

ऐसे में दावेदारों के नाम भी खुलकर सामने आने लगे हैं। पार्टी का मानना है कि विपक्ष में रहने की वजह से तेजतर्रार नेता की तालश है।

ऐसे स्थिति में वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेण्डी को बदला जा सकता है। मालूम हो कि विधानसभा चुनाव की हार के बाद उसेण्डी को प्रभारी प्रदेश

अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी दी गई है।

मगर नगरीय निकाय चुनाव में पार्टी को मिली हार से भाजपा का शीर्ष नेतृत्व छत्तीसगढ़ में जातिगत समीकरण के आधार पर अपना दांव खेल सकता है।

सूत्रों का कहना है कि मौजूदा हालात को देखते हुए पार्टी आदिवासी वर्ग से किसी को नेता बना सकती है।

ऐसा होता है तो विक्रम उसेण्डी, विष्णुदेव साय, रामविचार नेताम और केदार कश्यप के नाम सामने आ रहे हैं। पिछड़ा वर्ग से सांसद विजय बघेल का

नाम तेजी से उभरकर सामने आया है। सामान्य वर्ग से रमन सिंह को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल और प्रेमप्रकाश पाण्डेय का नाम भी दावेदारों में शुमार किया जा रहा है।

18 जिलों में हो चुका है भाजपा जिलाध्यक्षों का चुनाव

प्रदेश में 18 जिलों में भाजपा जिलाध्यक्षों का चुनाव हो गया है। इस हिसाब से प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव का रास्ता पूरी तरह से साफ है।

चुनाव के लिए पहले ही पर्यवेक्षक की नियुक्ति हो गई है। शीर्ष नेतृत्व में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए राष्ट्रीय महामंत्री भूपेन्द्र यादव और उत्तर प्रदेश के

उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य को पर्यवेक्षक बनाया है। इसके बाद नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर रायशुमारी का एक दौर पूरा हो गया है।

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें 

Facebook पर Like करें, Twitter पर Folloकरें  और Youtube  पर हमें subscribe करें।