नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था की धीमी रफ्तार, बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई को लेकर मोदी सरकार 2.0 विपक्ष के निशाने पर है। विपक्षी दल सरकार पर

लगातार हमलावर हैं। अगले महीने सरकार बजट पेश करने जा रही है। सरकार के लिए यह बजट चुनौतिपूर्ण हो सकता है। हालांकि सरकार अर्थव्यवस्था

से सुस्ती हटाने के लिए कई मोर्चों पर काम कर रही है। इसी कड़ी में बजट से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अर्थशास्त्रियों के साथ मुलाकात की।

विकास व रोजगार के साथ अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए उठाए जाने वाले कदमों के मद्देनजर 30 से ज्यादा उद्योग विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों के साथ

दो घंटे तक बैठक हुई । सूत्रों के अनुसार, मोदी ने पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को लेकर अर्थशास्त्रियों को संबोधित किया।

 

उद्योगपतियों से भी पीएम मोदी ने की चर्चा

सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने खपत व मांग बढ़ाने के लिए सुझाव लिए। जिसमें कई अर्थशास्त्रियों ने अपने अपने सुझाव साझा किए। गृहमंत्री अमित शाह,

वाणिज्यि मंत्री पीयूष गोयल व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थे। लेकिन वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इस बैठक में मौजूद नहीं थीं।

इससे पहले पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्थिक सुस्ती से निपटने के लिए देश के प्रतिष्ठित उद्योगपत्तियों से भी मुलाकात की।

इसमें रतन टाटा, मुकेश अंबानी, अडाणी, बिड़ला समेत कई दिग्गज थे। मोदी पिछले साल भी देश के सीनियर्स अर्थशास्त्रियों के साथ बैठक की थी।

ये दिग्गज भी रहे मौजूद

डीईए सेकट्ररी अतनु चक्रवर्ती, वित्त सचिव राजीव कुमार, नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार और सीईओ अमिताभ कांत, पीएमईएसी के

चेयरमैन बिबेक देबरॉय, पंजाब एंड सिंध बैंक के गैर कार्यकारी चेयरमैन चरणजीत सिंह, इंफिया हेड केकेआर के संजय नायर और

बंधन बैंक के सीईओ चंद्र शेखर घोष ने भी हिस्सा लिया।

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