टीआरपी न्यूज डेस्क। यूक्रेन के यात्री विमान के क्रैश होने के मामले में ईरान ने अपनी गलती मान ली है।

अब तक इस घटना में अपना हाथ होने से इनकार करते रहे ईरान ने पहली बार माना है कि विमान उसकी मिसाइलों के हमले में ही क्रैश हुआ था।

लेकिन, यह पहला मौका नहीं है, जब किसी देश की सेना ने चूक करते हुए किसी यात्री विमान को गिराया हो।

आइए जानते हैं, कब-कब हुईं ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं…

17 जुलाई, 2014: मलयेशियाई विमान गिरा, 298 की मौत

नीदरलैंड की राजधानी एम्सटर्डम से कुआलालाम्पुर जा रहे मलयेशियाई विमान MH17 को पूर्वी यूक्रेन के आसमान में मार गिराया गया था।

एक अंतरराष्ट्रीय जांच दल ने इस मामले में चार लोगों को जिम्मेदार ठहराया था,

जिनमें से तीन रूसी खुफिया विभाग से जुड़े थे। मॉस्को ने इसमें अपनी भूमिका को खारिज किया था,

लेकिन पश्चिम देशों के मुताबिक रूस सरकार के समर्थन वाले अलगाववादियों के हमले में ही विमान गिरा था।

4 अक्टूबर, 2001: साइबेरियाई विमान पर अटैक

78 लोगों को ले जा रहे विमान पर यूक्रेन की सेना ने यह समझकर हमला कर दिया था कि यह रूसी फाइटर जेट है।

विमान इजरायल की राजधानी तेल अवीव से नोवोसिबिर्स्क जा रहा था।

3 जुलाई, 1988: US का ईरानी प्लेन पर हमला

अमेरिकी नौसेना ने फारस की खाड़ी में ईरान के प्लेन को मार गिराया था। इसमें सवार सभी 290 लोगों की मौत हो गई थी।

ईरान का विमान एयरबस A300 स्टेट ऑफ हॉर्मुज से गुजर रहा था, उसी दौरान अमेरिकी क्रूज मिसाइल ने हमला कर दिया था।

अमेरिका ने गलती मानते हुए कहा था उसने फाइटर जेट समझकर हमला किया था।

1 सितंबर, 1983: सोवियत हमले में गिरा कोरियाई विमान

तत्कालीन सोवियत संघ के फाइटर जेट ने कोरिया के KAL 007 पर हमला कर दिया था।

इसमें सभी 269 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें क्रू मेंबर्स भी शामिल थे। तब सोवियत संघ ने दावा किया था कि यह विमान जासूसी मिशन पर जा रहा था।

27 जून, 1980: इटली ने गिराया अपना ही विमान

इटली ने अपनी ही एयरलाइन कंपनी इटाविया के विमान 870 को मार गिराया था।

इस घटना में विमान में बैठे सभी 81 लोगों की मौत हो गई थी। जांच में यह बात सामने आई थी कि इटली की मिसाइल के हमले में विमान गिरा था।

जिम्बाब्वे ने गिरा दिए थे दो विमान

3 सितंबर 1978 और फिर 12 फरवरी, 1979 को जिम्बाब्वे ने एक जैसी गलती करते हुए दो विमानों को मार गिराया था। इन घटनाओं में करीब 100 लोगों की मौत हो गई थी।

21 फरवरी, 1973: इजरायल ने की बड़ी चूक

लीबिया की राजधानी त्रिपोली से काहिरा जा रहे बोइंग 727-200 विमान को इजरायल ने सिनाई रेगिस्तान में मार गिराया था।

इस हादसे में विमान में सवार 113 लोगों में से सिर्फ 5 ही बच पाए थे।

1955: बुल्गारिया ने गिराया इजरायली प्लेन

बुल्गारिया ने लंदन से तेल अवीव जा रहे प्लेन को मार गिराया था। इस घटना में विमान में सवार सभी 58 लोगों की मौत हो गई थी।

अंतरराष्ट्रीय दबाव में उस दौर में बुल्गारिया ने इजरायल को 2 लाख डॉलर दिए थे।

23 जुलाई, 1954: चीन ने गिराया ब्रिटिश विमान

चीनी फाइटर जेट्स ने ब्रिटेन के बने DC-3 विमान को मार गिराया था। इस घटना में विमान में सवार 18 लोगों में से 10 की मौत हो गई थी।

चीन ने बाद में गलती मानते हुए कहा था कि उसने ताइवान का फाइटर जेट समझकर हमला किया था।

24 अगस्त, 1938: जापानी सेना ने गिराया विमान

जापान के 5 मिलिट्री प्लेन्स ने चीनी-अमेरिकी विमान DC-2 को मार गिराया था। इस विमान ने हॉन्गकॉन्ग से चीन के चॉन्गकिंग के लिए उड़ान भरी थी।

इस घटना में 14 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन अमेरिकी पायलट बच गया था। यह वह दौर था, जब चीन और जापान के बीच युद्ध चल रहा था।

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