नई दिल्ली :विदेशी कंपनियों को एयर इंडिया की पायलेट सीट पर बैठने का मौका नहीं दी जायगी विदेशी कंपनियों को एयर इंडिया में 49 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी के लिए बोली लगाने का मौका नहीं मिलेगा।उन्हें इस विमानन कंपनी पर पूरा ऑपरेशन कंट्रोल हासिल नहीं होगा।

इसकी वजह यह है कि नागर विमानन मंत्रालय ने सब्सटैंशियल ओनरशिप ऐंड इफेक्टिव कंट्रोल (SOEC) क्लॉज में ढील देने का प्रस्ताव खारिज कर दिया है।

एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने कहा कि इस बात की कोई नजीर नहीं है कि किसी सरकार ने विमानन कंपनियों का नियंत्रण विदेशियों के हाथ में दे दिया हो।

उन्होंने कहा, ‘कोई भी देश अपनी एयरलाइंस पर कंट्रोल खोना ठीक नहीं समझता।’

SOEC क्लॉज से यह सुनिश्चित होता है कि भारत में काम कर रहीं एयरलाइंस पर भारतीय नागरिकों का कंट्रोल रहे और भारतीय ही इन्हें मैनेज करें।

अधिकारी ने कहा कि इस सुझाव पर सरकार ने विचार किया था, लेकिन होम मिनिस्टर की अगुवाई वाली उस कमेटी के सामने इसे नहीं रखा गया जो एअर इंडिया की बिक्री से जुड़ा मामला देख रही है।

SOEC नियम में ढील का मतलब यह होता कि अपने देश की इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी के साथ कोई विदेशी एयरलाइन एयर इंडिया में 100 प्रतिशत स्टेक खरीद सकती थी, सरकार ने 2018 में एअर इंडिया में 76 प्रतिशत हिस्सा बेचना चाहा था।

होम मिनिस्टर अमित शाह की अध्यक्षता वाली कमेटी ने एयर इंडिया में पूरा सरकारी हिस्सा बेचने का प्रस्ताव 7 जनवरी 2020 को मंजूर किया था।

एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट के लिए डॉक्युमेंट्स इस या अगले हफ्ते जारी किए जा सकते हैं।

 

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