राज्य सरकार पहले ही घटा चुकी है पूर्व मुख्यमंत्री की सुरक्षा

रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को अब एनएसजी सेक्युरिटी नहीं मिलेगी। केंद्र सरकार ने अब एनएसटी सेक्युरिटी कोवीआईपी सेक्युरिटी से हटाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह को अब यह सेक्युरिटी नहीं मिलेगी।

बता दें कि राज्य सरकार पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री की सुरक्षा घटा चुकी है।केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस बाबत जल्द ही एनएसजी सिक्युरिटी को वापस लेने का निर्देश जारी कर सकता है।

गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा वापस लेने के बाद अब सरकार ने सभी वीआईपी लोगों की सुरक्षा से एनएसजी कवर हटाने का ये बड़ा फैसला लिया गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विशिष्ट लोगों को सुरक्षा देने के काम से अब राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) को दूर रखा जाएगा।

करीब दो दशक बाद ऐसा होगा कि आतंकवाद निरोधी विशिष्ट बल के ‘ब्लैक कैट’ कमांडो को वीआईपी सुरक्षा ड्यूटी से हटाया जाएगा।

1984 में एनएसजी का गठन हुआ था। एनएसजी फिलहाल ‘जेड-प्लस ‘ वाले 13 ‘हाई प्रोफाइलÓ लोगों को वीआईपी सुरक्षा देता है।

देश भर में अभी 13 ऐसे वीआईपी हैं, जिन्हें एनएसजी सिक्युरिटी मिली हुई है।

4 दिसंबर को डॉ. रमन सिंह की घटाई गई थी सुरक्षा

इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की सुरक्षा मेँ कटौती राज्य सरकार ने की थी। पहले उन्हें जेड प्लस सुरक्षा मिली थी, लेकिन सुरक्षा में कटौती करते हुए अब उन्हें सिर्फ जेड सुरक्षा ही दी गयी।

पूर्व सीएम के परिवार के अन्य सदस्यों की सुरक्षा में भी कटौती की गई थी। पूर्व सांसद अभिषेक सिंह, रमन सिंह की बहू ऐश्वर्या सिंह, बेटी अस्मिता गुप्ता और पत्नी वीणा सिंह की सुरक्षा में कटौती की गई है।

रमन सिंह सहित 13 वीआईपी को एनएसजी सेक्युरिटी

सिक्ख दंगों से बाद इस बटालियन का गठन किया गया था। एनएसजी अत्याधुनिक हथियारों से लैस सुरक्षा का ऐसा दस्ता है, जो टारगेट में रहने वाले वीआईपी को सुरक्षा देता है।

पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के अलावे देश में 13 ऐसे वीआईपी हैं, जिन्हें ये सुरक्षा मिली है, इनमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, मुलायम सिंह यादव, चंद्रबाबू नायडू, प्रकाश सिंह बादल, फारूक अब्दुल्ला, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी शामिल हैं।

अधिकारियों ने कहा कि वीआईपी सुरक्षा से एनएसजी को हटाने से करीब 450 कमांडो मुक्त हो जाएंगे, जिनका इस्तेमाल देश में बने इनके पांच ठिकानों में इनकी मौजूदगी को और सुदृढ़ करने में किया जाएगा।

जिस योजना पर काम किया जा रहा है उसके अनुसार, एनएसजी सुरक्षा प्राप्त वीआईपी लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को सौंपी जा सकती है जो पहले ही संयुक्त रूप से करीब 130 प्रमुख लोगों को सुरक्षा मुहैया कराती है।

 

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