टीआरपी डेस्क। एक समय था जब ऑस्ट्रेलिया के ऊंटों को भारत लाया जा रहा था, उनको यहां तमाम जगहों पर रखा जाता था। आज इन ऊंटों के लिए समय खराब है। अब ऑस्ट्रेलिया में पानी बचाने के लिए इन ऊंटों को गोली मारी जा रही है।

बीते एक सप्ताह में ऑस्ट्रेलिया में 5000 ऊंटों को गोली मारी जा चुकी है। ऑस्ट्रेलिया के अधिकारियों ने बताया कि सूखे की मार झेल रहे दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया में बीते पांच दिनों में पेशेवर निशानेबाजों ने हेलीकॉप्टर से यहां 5000 ऊंटों को गोली मार दी है।

इन ऊंटों को गोली मारे जाने को लेकर दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के आदिवासी नेताओं के भी अलग-अलग मत हैं। इन आदिवासियों का कहना है कि गैर देसी ऊंट सूखे और अत्यधिक गर्मी के कारण ग्रामीण इलाकों की ओर बढ़ रहे हैं। ये ऊंट खाने और बचे हुए पीने के पानी तथा बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

भारत से है ऑस्ट्रेलिया के ऊंटों का संबंध

ऊंटों को पहली बार ऑस्ट्रेलिया में 1840 के दशक में महाद्वीप की खोज में सहायता करने के लिए लाया गया था। इसके बाद छह दशकों में भारत से करीब 20,000 ऊंट ऑस्ट्रेलिया में लाए गए।

अब माना जाता है कि दुनिया में सबसे ज्यादा ऊंट ऑस्ट्रेलिया में ही हैं। अनुमान के अनुसार, यहां के अंतर्देशीय रेगिस्तानों में एक मिलियन यानि 10 लाख से भी अधिक ऊंट हैं।

पानी बचाने के लिए मौत के घाट उतारे जा रहे ऊंट

दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के उत्तर-पश्चिम में स्थित अनंगु पीतजंतजतारा इलाके के जनरल मैनेजर रिचर्ड किंग ने कहा कि जहां 2300 से ज्यादा लोग रहते हैं वहां ऊंटों को मारा गया।

रिचर्ड किंग ने कहा कि हम पशुओं के अधिकारों की रक्षा करने वाले लोगों की चिंताओं की सराहना करते हैं, लेकिन गैर-देशी जंगली जानवरों के लिए जीवन की वास्तविकताओं के बारे में गलत जानकारी है।

उन्होंने कहा कि भूमि के संरक्षक के रूप में, हमें इनसे निपटने की जरूरत है, जिससे लोगों के लिए मूल्यवान पानी की आपूर्ति और सभी के जीवन की की रक्षा होगी।

 

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें 

Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें  और Youtube  पर हमें subscribe करें।

 

Trusted by https://ethereumcode.net