टीआरपी डेस्क। नई दिल्‍ली। बजट के दस्‍तावेजों की प्रिंटिंग का काम हर साल की तरह इस बार भी हलवा सेरेमनी के साथ शुरू होगा। Budget 2020 : आगामी 1 फरवरी 2020 को वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करने जा रही हैं।

यह उनका दूसरा बजट होगा। इससे पहले वे मोदी सरकार कार्यकाल में ही गत 5 जुलाई 2019 को बजट पेश कर चुकी हैं। आने वाले बजट को लेकर जहां हर वर्ग की सरकार से उम्‍मीदें हैं, वहीं सरकार के सामने भी कई चुनौतियां हैं।

बीते साल आर्थिक मंदी की खबरें लगातार आती रहीं, ऐसे में सरकार के सामने यह चुनौती है कि बजट को किस प्रकार से संतुलित रखते हुए अर्थव्‍यवस्‍था को संभाला जाए। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 11 फरवरी तक चलेगा।

दूसरे चरण का सत्र 2 मार्च से आरंभ होकर 3 अप्रैल तक चलेगा। बजट पेश करने से पहले इसके दस्‍तावेजों की प्रिंटिंग का काम शुरू होगा। यह काम हर साल की तरह इस बार भी हलवा सेरेमनी के साथ शुरू होगा।

आइये जानते हैं हलवा सेरेमनी क्‍या है और बजट में इसका क्‍या है महत्‍व

वर्षों से चली आ रही परंपरा के मुताबिक प्रेस में एक बड़ी कड़ाही में हलवा बनाया जाता है। जिसे वहां मौजूद सब लोगों में बांटने के बाद छपाई का काम शुरू होता है। हर साल बजट की प्रिंटिंग शुरू होने से पहले वित्त मंत्रालय के दफ्तर में एक बड़ी कढ़ाई में हलवा बनाया जाता है।

और बजट का काम करने वाले कर्मचारियों को बांटा जाता है। वित्त मंत्री खुद इस कार्यक्रम की अगुवाई करते हैं। उनके अलावा वित्त मंत्रालय के अन्य अधिकारी भी इस रस्म में शामिल होते हैं। हैं।

नया काम शुरू करने से पहले मुंह मीठा करने की परंपरा

इस खास रस्म के पीछे वजह है कि भारतीय परंपरा के अनुसार कुछ भी नया काम शुरू करने से पहले मुहं मीठा करने की परम्परा रही है, इसलिए ही बजट को प्रिंटिंग के लिए भेजने से पहले इस परंपरा को निभाया जाता है।

इसके अलावा भारतीय परंपरा में हलवे को काफी शुभ भी माना जाता है। एक रिसर्च के अनुसार मीठा खाने से सकारात्मकता और ऊर्जा का संचार होता है, इसी के चलते बजट में भी हलवा सेरेमनी की शुरुआत हुई।

दो भाषाओं में की जाती है दस्‍तावेजों की छपाई

दरअसल वित्त मंत्री बजट के दौरान जिन दस्तावेजों को पढ़ता है। उसकी बाकायदा दो भाषाओं में (हिंदी और अंग्रेजी) छपाई की जाती है। इस छपाई प्रक्रिया से पहले एक रस्म अदायगी की जाती है जिसे हलवा रस्म कहते हैं। एक बड़ी कढ़ाही में हलवा तैयार कर मंत्रालय के सभी कर्मचारियों के बीच इसे बांटा जाता है।

बाधित कर दिया जाता है मंत्रालय के कर्मचारियों का बाहरी संपर्क

हलवा सेरेमनी के बाद बजट की प्रिंटिंग से जुड़े मंत्रालय के कर्मचारियों को प्रिटिंग प्रेस में अगले कुछ दिनों नजरबंद कर दिया जाता है। जहां उनसे कोई बाहरी व्यक्ति संपर्क नहीं कर सकता। जब तक बजट छपाई का काम पूरा नहीं हो जाता है।

देश का आम बजट तैयार करने में वित्त मंत्रालय के तमाम अधिकारियों की प्रमुख भूमिका होती है। वित्त मंत्री और वित्त सचिव समेत तमाम अधिकारी बजट का खाका तैयार करने में अपने अपने हिस्से की भूमिकाओं का निर्वहन करते हैं।

परिवार से भी कट जाता है स्‍टाफ

‘हलवा रस्म’ के बाद बजट बनाने और उसकी छपाई से सीधे जुड़े अधिकारियों और सहयोगी कर्मचारियों को मंत्रालय में ही रहना पड़ता है। वहीं जब तक वित्त मंत्री संसद में बजट पेश नहीं कर देते, तब तक मंत्रालय का पूरा स्टाफ अपने परिवार से कटा रहता है।

ना मोबाइल, ना ई-मेल

इतना ही नहीं इन कर्मचारियों को ईमेल, मोबाइल समेत किसी भी संचार साधनों से घरवालों से संपर्क करने की अनुमति भी नहीं होती है। हालांकि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान वित्त मंत्रालय के केवल सीनियर ऑफिसर्स को ही घर जाने की अनुमति होती है।

 

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