नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में अहम फैसला करते हुए कहा है कि कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी पीएफ और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ नियमित एंप्लॉयीज की तरह ही मिलना चाहिए।

शीर्ष अदालत ने कहा कि एंप्लॉयीज प्रविडेंट फंड के सेक्शन 2 (f) के मुताबिक कर्मचारी की परिभाषा में वह सभी लोग शामिल हैं, जो संस्थान के लिए काम करते हों। भले ही वे नियमित काम करते हों या फिर किसी तरह के कॉन्ट्रैक्ट पर हों।

एक पब्लिक सेक्टर कंपनी से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया। कोर्ट ने कंपनी को अपने सभी कॉन्ट्रैक्ट वाले एंप्लॉयीज को पीएफ स्कीम में शामिल करने का आदेश दिया।

जस्टिस यूयू ललिल और इंदु मल्होत्रा की बेंच ने आदेश दिया कि कंपनी को जनवरी 2017 से दिसंबर 2019 तक के बकाया पीएफ पर 12 फीसदी का ब्याज भी कर्मचारियों के खाते में जमा करना होगा।

गौरतलब है कि सरकार की ओर से प्रस्तावित श्रम सुधार कानून के तहत डिलिवरी बॉयज के तौर पर काम करने वाले लोगों को भी पीएफ और अन्य स्कीमों में शामिल करने का प्रस्ताव है। श्रम मामलों की संसदीय समिति की ओर से भी इस प्रपोजल को मंजूरी दिए जाने की उम्मीद है।

 

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें 

Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें  और Youtube  पर हमें subscribe करें।