रायपुर। लंबे समय के बाद मंत्रालय में वापसी किए 1985 बैच के आईएएस अधिकारी डॉक्टर आलोक शुक्ला ( IAS Dr. Alok Shukla ) ने शिक्षा सचिव का पद संभालते ही विभाग के अफसरों से चर्चा की। उन्होंने अफसरों से विभागीय योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए सुझाव भी मांगे।

बता दें कि मुख्यमंत्री ने हाल ही में शिक्षाविभाग में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी करते हुए डॉक्टर आलोक शुक्ला ( IAS Dr. Alok Shukla ) को शिक्षाविभाग में सचिव पद पर नियुक्त किया है। पदभार संभालने के बाद ही नए शिक्षा सचिव ने मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप अफसरों से उन योजनाओं की जानकारी ली जो सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने तय समय सीमा में योजनाओं के क्रियान्वयन का निर्देश देते हुए कहा कि अधिकारी अपनी समस्याओं पर उनसे कभी भी चर्चा कर सकते हैं।

शिक्षा सचिव ने कहा कि जन जन तक गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा पहुंचाना का कार्य केवल खानापूर्ति नहीं है बल्कि ये विभाग की महती जिम्मेदारी भी है। उन्होंने अफसरों से कहा कि वे शिक्षा सचिव नहीं बल्कि एक स्टूडेंट की तरह उन समस्याओं को समझने का प्रयास करेंगे जिनसे आम छ़ात्र को जूझना होता है।

उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे अधिकारी नहीं बल्कि खुद को छात्रों का अभिभावक मान कर उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए आगे आए तभी समग्र शिक्षा अभियान के उपदेश्यों की पूर्ति हो पाएगी।

बता दें कि डॉक्टर आलोक शुक्ला ( IAS Dr. Alok Shukla ) अपने स्टूडेंट लाइफ से ही मेघावी छात्र रहे हैं। डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी कर उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा ज्वाइन कर ली। छात्र जीवन में उन्होंने कई अवार्ड अपने नाम किए हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में शुरू से उनकी रूचि को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें शिक्षा सचिव का प्रभार सौंपा है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा सचिव को चार महीने का रोडमैप तैयार कर उन योजनाओं पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं जिन योजनाओं का ​सीधा सरोकार छात्रों की पढ़ाई और भविष्य से जुड़ा है।

यही वजह है कि उन्होंने अफसरों से चर्चा कर शिक्षा विभाग की तमाम योजनाओं की वन टू वन चर्चा कर जानकारी ली है, साथ ही टीम वर्क करने के लिए उत्साहित किया।

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