नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश कर दिया है। जहां एक तरफ मोदी सरकार इस बजट को जनता के हित में निर्णायक भूमिका अदा करने वाला बता रही है, वहीं विपक्ष की ओर से इस बजट पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। विपक्षी नेताओं ने बजट को बेहद निराशाजनक बताया।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सबसे प्रमुख समस्या बेरोजगारी है। मैंने बजट में ऐसी कोई रणनीति नहीं देखी जिससे युवाओं को नौकरी मिलने में मदद मिले। मैंने सामरिक चीजें देखीं लेकिन कोई केंद्रीय विचार नहीं था। यह सरकार को अच्छी तरह परिभाषित करता है। वही चीजें बार-बार दोहराई जा रही हैं। यह सरकार का माइंडसेट है। सब बातें करते हैं लेकिन होता कुछ भी नहीं है।

राहुल गांधी ने कहा कि इनकम टैक्स स्लैव को और उलझा दिया गया है। रोजगार और अर्थव्यवस्था पर सरकार ने कुछ भी नहीं किया है।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बजट पर कहा कि दिल्ली को बजट से बहुत उम्मीदें थीं। लेकिन एक बार फिर दिल्ली वालों के साथ सौतेला व्यवहार हुआ। दिल्ली भाजपा की प्राथमिकताओं में आता ही नहीं है, फिर दिल्ली वाले भाजपा को वोट क्यों दें? सवाल ये भी है कि चुनाव से पहले ही जब भाजपा दिल्ली को निराश कर रही है तो चुनाव के बाद अपने वादे निभाएगी क्या?

यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि अर्थव्यवस्था के नाम पर बीजेपी नाकाम है। इंवेस्टमेंट के नाम पर बजट में कुछ नहीं था। बेरोजगारी को मोदी सरकार कैसे दूर करेगी? इस बजट को अन्य मुद्दों से भटकाने के लिए लाया गया।

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दुश्मन न करे दोस्त ने जो काम किया है, साल भर का गम गरीबों पर जुल्मो सितम फिर से जनता को ईनाम दिया है।

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘2024 तक 4।8त्न की जीडीपी बढ़ोतरी के साथ 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य एक पाइप ड्रीम है। इस लक्ष्य को पाने के लिए बिना व्यवधान के लिए जीडीपी ग्रोथ डबल नंबर में होनी चाहिए।’

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