ब्रांडेड शराब में भी पानी मिला कर बेची जा रही, नकली गोवा भी हो रही तैयार
महासमुंद। प्रदेश में आए दिन राजनीतिक दलों के बीच शराब को लेकर सियासत होती रहती है। शराबबंदी को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष भी आए दिन आमने-सामने रहता है। कहते हैं कि दो की लड़ाई का फायदा तीसरा पक्ष उठाता है।
प्रदेश में शराब पर सियासत होने का फायदा यहां के शराब माफिया बखूबी उठा रहे हैं। यही कारण है कि प्रदेश में असली बोतल में नकली शराब भरने का गोरखधंधा धड़ल्ले से चल रहा है।
यही नहीं ब्रांडेड शराब की बोतलों में पानी भरकर ग्राहकों को चूना लगाने का काम भी खूब हो रहा है। खासकर नीचले तबके के बीच लोकप्रिय देशी गोवा ब्रांड की नकली शराब भी यहां तैयार हो रही है।
ऐसा ही नकली शराब बनाने व असली में पानी मिलाने का एक बड़ा रैकेट का खुलासा महासमुंद में हुआ है। यहां शराब की ख़ाली बोतलों में शराब और पानी को मिलाकर नए स्टीकर, नए ढक्कन की पैकिंग के साथ बेचने का रैकेट को पुलिस ने धर दबोचा है। पुलिस को मौके से कैमिकल भी मिलने की खबर है।
पुलिस को सूचना मिली थी कि शराब की अवैध बॉटलिंग इलाके में हो रही है। सूचना पर पुलिस ने शराब दुकान पर रात साढ़े बारह बजे दबिश दी तो वहां दस लोग मिले, जिनमें दो प्लेसमेंट के कर्मचारी थे, जबकि आठ बाहरी थे। पुलिस को मौके से कई ख़ाली उपयोग की हुई शराब बोतल भी मिली, जिनमें फिर से शराब में पानी मिलाकर पैकेजिंग का गोरखधंधा चल रहा था।
रैकेट चलाने वाला ख़ाली बोतलों को लेता है। जिनमें हर ब्रांड की ख़ाली बोतल होती है। इन्हें धोकर बढिय़ा से साफ किया जाता है। इसके बाद जिस ब्रांड की बोटल हो उस ब्रांड की शराब और उसमें पानी मिलाकर नई बोटल तैयार कर दी जाती है।
जिस बोटल से शराब निकाली जाती है, उसमें भी पानी भरकर मात्रा पूरी कर दी जाती है यानी कि 180 एमएल की दो बोटल से तीसरी बोतल बना लेता है। तीनों की फिलिंग पानी से कर दी जाती है।
यहां पांच पेटी से आठ पेटी बोटल तैयार होती थी। गिरोह के पास नया ढक्कन स्टीकर सब मौजूद था। ग्राहक जब आता तो उसे सबसे पहले वहीं बोतलें थमाई जाती, जिसमें खेल हुआ होता है। खासकर गोवा जैसे सस्ता ब्रांड पर सबसे ज़्यादा खेल होता है।
महासमुंद पुलिस ने मामले में धारा 420, 409,120ब, 49 आबकारी अधिनियम और 34 के तहत 10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। महासमुंद में शराब के इस खेल के उजागर होने के बाद आशंका है कि सूबे के अन्य इलाक़ों में यह खेल सुनियोजित संगठन चला रहा है।
Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें
Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें और Youtube पर हमें subscribe करें।