रायपुर। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर राजनीतिक गलियारों में सियासी हलचल तेज हो गई है। बयानबाजी भी हो रही है। प्रदेश में 15 फरवरी तक धान खरीदी की जाएगी, लेकिन अभी तक सरकार अपने लक्ष्य से पीछे है। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि बारिश की वजह से धान खरीदी में लेटलतीफी हो रही है।

किसानों का धान अब तक नहीं खऱीदा गया, जो सोचने वाली बात है। उन्होंने कहा कि जब तक किसान धान बेचना चाहते हैं, तब तक धान खरीदी करनी चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिश ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश अपने बयान से स्थिर नहीं है। धान खरीदी को लेकर उनका बयान बदल रहा है। 90 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। पिछली बार और उसके पहले जो धान खरीदी हुई है उस लक्ष्य से काफी पीछे है।

लगातार तीन बार मौसम की खराबी हुई है, यदि अभी धान खरीदी केंद्रों में जाएंगे, तो धान खरीदी बन्द हो गई है। उसमें वे बहाना बनाते है कि मौसम खराब है बदली आई है बारिश हो रही है, फिर अतिरिक्त समय लेकर धान खरीदी को बढ़ाने का प्रयास किया जाता है।

उन्होंने आगे कहा कि 15 फरवरी तक धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। आज 5 फरवरी हो गया और मौसम खराब है। इसी बीच छुट्टियां भी पड़ेंगी। ऐसे में धान की पूरी तरह से खरीदी करना संभव ही नहीं है। धान खरीदी 30 लाख मीट्रिक टन और होनी है। किसानों को भुगतान करने के लिए सरकार बचना चाहती है।

प्रशासन के माध्यम से किसानों को परेशान किया जा रहा है। आज छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा परेशान किसान है। आप अपने वादे से मुकर गए जब तक धान की पूरी खरीदी ना हो जाए, तब तक किसानों के हित में तारीख बढ़ाई जानी आवश्यक है।

सीमेंट के फैक्ट्री उत्पादक और सरकार के बीच गुपचुप बैठक हो रही :

सीमेंट के फैक्ट्री उत्पादक और सरकार के बीच में जो गुपचुप बैठक हो रही है। इससे भारतीय जनता पार्टी को आशंका जाहिर हो रहा है कि सीमेंट के रेट को सरकार बढ़ाएगा।

नेता प्रतिपक्ष कौशिक कि हमने जो आरोप लगाया था वो बात आज सिद्ध हो गया है कि कांग्रेस सरकार गांव, गरीब व किसानों की सरकार नहीं है। यह सरकार उद्योगपतियों की सरकार है। बिना कोई कारण के सीमेंट के रेट बढ़ाना छत्तीसगढ़ लोगों का शोषण है। सीमेंट के रेट बढय़ा गया है, उसे तत्काल वापस लेना चाहिए।

कांग्रेस सरकार ट्रांसफर उद्योग चला रही :

शिक्षकों की कमी पर श्री कौशिक ने कहा कि कांग्रेस सरकार प्रदेश में ट्रांसफर उद्योग चल रही हैउ। उन्होंने कहा कि स्कूलों से शिक्षक भी गायब हो गए हैं। कई स्कूलों में सिर्फ एक शिक्षक है। सुविधानुसार जिसे जो करवाना है करवा लो। प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था में संकट आ गया है। कांग्रेस प्रदेश में अंग्रेजी को बढ़ावा देकर हिंदी भाषा को संकट में डाल रही है।

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