रायपुर। मध्यभारत की अग्रणी संस्था कलिंगा विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन 14 मार्च को किया जाएगा। कलिंगा विश्वविद्यालय के कुल सचिव डॉक्टर संदीप गांधी और बायोटेक विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर सुषमा दुबे ने बताया कि वर्तमान में पूरा विश्व कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रहा है वहीं हाल के वर्षों में इबोला वायरस, सार्स वायरस, स्वाइन फ्लू, बर्ड फ्लू जैसे संक्रमण से जूझता रहा है।
संक्रमण की इन समस्याओं से स्थाई निदान के लिए यदि संभावनाएं है तो वह जैवप्रौघोगिकी एवं जैव विज्ञान के अथक मेहतन से ही संभव है। इस संदर्भ में कलिंगा विश्वविद्यालय के बायोटेक विभाग द्वारा एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन 14 मार्च को 2020 किया गया है। इस अवसर पर देश विदेश के विद्वान प्राध्यापक और शोधार्थी उपस्थित रहेंगे।
कलिंगा विश्वविद्यालय के कुल सचिव डॉक्टर संदीप गांधी और बायोटेक विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर सुषमा दुबे ने बताया कि संगोष्ठी का विषय ‘सस्टेनेबल डेवलेपमेंट एंड रिसेंट एडवांसेस इन बायोटेक्नोलाजी एंव बायोसाईंसेस है।
उक्त संगोष्ठी में वर्तमान समय में जैवतकनीक के माध्यम से आने वाले समय की चुनौतियों को सुलझाने के लिए विभिन्न विद्वान अपने शोध पत्र पेश करेंगे। जैव प्रोघोगिकी की मदद से कृषि, खानपान, उर्जा आदि क्षेत्रों में गैर परंपरागत संसाधन विकसित करने के उपायों पर भी चर्चा होगी।
कलिंगा विश्वविघालय की इस अंतर राष्ट्रीय संगोष्ठी में देश विदेश के शीर्ष विद्वानों को शिरकत करने के लिए आमंत्रण भेजा गया है। संगोष्ठी का उपद्देश्य विद्वान प्राध्यापकों एवं शोधार्थियों के शोध आधारित ज्ञान और उनके महत्वपूर्ण विचारों को वर्तमान पीढी के समक्ष प्रस्तुत करना है। जिससे छ़ात्रों में शोध के प्रति उत्सुकता हो और वे अपनी शोध क्षमता से समाज और राष्ट्रहित का काम करते रहें।
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