वॉशिंगटन। अमेरिकी फौजों ने यमन में शुक्रवार को आतंकनिरोधक अभियान के तहत अलकायदा सरगना कासिम अल-रिमी (46) को मार गिराया। रिमी ने अलकायदा अरब पेनिन्सुला (एक्यूएपी) का गठन किया था।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी रिमी को मारे जाने की पुष्टि की है। रिमी अलकायदा सरगना अयमान अल-जवाहिरी के बाद दूसरे नंबर पर आता था। 2015 के बाद से वह अमेरिका की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में था।

बीते 5 महीनों में अमेरिकी की तरफ से तीसरी बड़ी कार्रवाई है। अक्टूबर में अमेरिकी हवाई हमले में आईएस सरगना अबु बकर अल बगदादी मारा गया था। 3 जनवरी को अमेरिका ने इराक एयरपोर्ट पर हमला कर ईरान के सैन्य नेता कासिम सुलेमानी को मार गिराया था।

सुरक्षा पर खतरा कम होगा

अमेरिका ने रिमी की सूचना देने के लिए 10 मिलियन डॉलर (करीब 71 करोड़ रुपए) के इनाम का ऐलान किया था। ट्रम्प ने कहा कि रिमी के मारे जाने के बाद अरब समेत पूरी दुनिया में अलकायदा की गतिविधियों में कमी आएगी।

साथ ही हम सुरक्षा पर खतरे को कम करने की दिशा में और मजबूत होंगे। हालांकि ट्रम्प ने इस बात की जानकारी नहीं दी कि अमेरिकी सेना ने रिमी को कब और कैसे मार गिराया।

ट्रम्प ने यह भी कहा कि रिमी की मौत से अमेरिका के हित और हमारे सहयोगी सुरक्षित हो गए हैं। अपने लोगों की सुरक्षा के लिए हम आतंकियों को खोज-खोजकर खत्म करते रहेंगे।

कौन था रिमी?

ट्रम्प ने यह भी बताया कि रिमी 1990 के दशक में अलकायदा में शामिल हुआ था। वह अफगानिस्तान में ओसामा बिन लादेन के साथ भी रहा। रिमी की अगुआई में अलकायदा ने यमन में कई हिंसक वारदातों को अंजाम दिया और अमेरिकी सेनाओं पर हमले करवाए। रिमी ने एक 18 मिनट के वीडियो में बताया था कि उसी के गुट ने 6 दिसंबर को फ्लोरिडा स्थित अमेरिकी नेवी के एयर स्टेशन पर हमला करवाया था।

 

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