रायपुर। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा गांव में लाइलाज बन चुकी किडनी की बीमारी के समाधान के लिए अब प्रदेश सरकार ने आंध्र प्रदेश सरकार से मदद ली है। सुपेबेड़ा के 12 किडनी प्रभावितों और 8 स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का एक दल आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के उदायन गांव के लिए रवाना हो चुका है।

इस गांव में भी लोग किडनी की बीमारी से जुझ रहा है और सुपेबेड़ा की तरह यहां भी अब तक बीमारी के कारणों का पता नहीं चल पाया है। दल यहां पहुंचकर दोनों गांव में फैली बीमारी के कारणों का पता लगाएगा। आंध्र प्रदेश सरकार इसके लिए छत्तीसगढ़ से गए दल की मदद करेगा। दल तीन दिन यहां रुककर हालात को समझने की कौशिश करेगा।

क्यों जा रहा है दल

स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि दोनों गांव किडनी की बीमारी से जुझ रहे हैं। लगातार हो रही मौत और बढ़ते मरीजों के बाद दोनों गांव के लोग बहुत परेशान हैं। कुछ दिन पहले सुपेबेड़ा के दौरे पर आई दिल्ली एम्स के डॉक्टरों की टीम ने स्वास्थ्य विभाग को आंध्रप्रदेश के उदायन गांव का दौरा करने की सलाह दी थी। विभाग का दावा है कि दोनों गांव के लोग जब आपस में बातचीत करेंगे तो हो सकता है उपचार में सहायता मिल सके।

सुपेबेड़ा है बेहाल

सुपेबेड़ा में बीते तीन साल से किडनी की बीमारी के कारण लगातार मौत हो रही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मौत का आंकडा 71 पार हो चुका है। मरीजों की संख्या 200 से ज्यादा हो गई है जो लगातार बढ़ रही है। केन्द्र और राज्य सरकार के निर्देश पर अब तक कई टीम गांव का दौरा कर चुकी है। दिल्ली एम्स की टीम भी दो बार यहां आ चुकी है।कई प्रयासों के बाद भी बीमारी के कारणों का पता नहीं चल सका है।

 

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें 

Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें  और Youtube  पर हमें subscribe करें।