कहा-सीएए, एआरसी व एनपीआर के खिलाफ देशभर में चलाएंगे अभियान :

रायपुर। राजधानी पहुंचे स्वराज इंडिया के फाउंडर योगेंद्र यादव ने सीएए को देश का काला कानून बताया है। उन्होंने कहा कि वे सीएए और एनपीआर के खिलाफ देशभर में लोगों को एकजुट करने का राष्ट्रव्यापी अभियान चला रहे हैं। इसी के मद्देनजर उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी मुलाकात कर चर्चा की।

वहीं श्री यादव ने सीएम बघेल के कार्यकाल पर कुछ बोलने से बचते नजर आए। उन्होंने कहा कि वे दिल्ली में रहते हैं और उनके कामकाज का आंकलन करना यहां की जनता का काम है। हम सीएए, एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ जो मुहिम चला रहे हैं, उसमें राज्य सरकार से सहयोग मांगने के लिए सीएम बघेल से चर्चा की है।

टीआरपी न्यूज से एक्सलूसिव बातचीत करते हुए योगेंद्र यादव ने दिल्ली चुनाव पर कहा कि भाजपा ने वहां ध्रुवीकरण करने का काम किया है। भाजपा वहां मुसलमानों को भड़काकर हिंसा व दंगा फैलाना चाहती थी, लेकिन एक्जिट पोल से स्पष्ट हो गया है कि भाजपा की घृणा की राजनीति पूरी तरह हारेगी। ये देश के लिए अच्छा होगा।

शाहीन बाग के मुद्दे पर भाजपा को घेरते हुए  योगेंद्र यादव ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने शाहीन बाग पर करंट लगने की बात कह रहे थे, लेकिन चुनाव के नतीजे से उल्टा भाजपा को करंट लगने वाली है। दिल्ली में भाजपा का हारना देश के लिए अच्छा है। शाहीन बाग कोई मुद्दा ही नहीं है। इस देश के नागरिक के तौर पर सभी कामना को करना चाहिए कि देश में कोई जहर न फैले। सत्ता आती-जाती रहती है।

मेरी राजनीति बदले की राजनीति नहीं :

दिल्ली में आम आदमी पार्टी को समर्थन करने पर योगेंद्र यादव ने कहा कि अभी वे स्वराज इंडिया में है। अब वे ‘आपÓ में नहीं है। आप ने उनके साथ क्या किया है, यह उनके लिए मुद्दा नहीं है। वे कभी भी बदले की राजनीति नहीं करते हैं। इस पर वे बहुत ज्यादा नहीं बोलना चाहते।

भाजपा का हो चुका है कांग्रेसीकरण :

योगेंद्र यादव ने दिल्ली में मोदी के चेहरे पर चुनाव लडऩे पर कहा कि भाजपा के पास कोई चेहरा नहीं है। जब भाजपा मोदी के चेहरे पर चुनाव जीतती है तो मोदी की जीत बताते हैं, तो चुनाव की हार को भी मोदी की हार बताना चाहिए। जैसे कांग्रेस में चुनाव जीतने पर सोनिया-राहुल की जीत और हारने पर स्थानीय नेताओं पर ठीकरा फोड़ दिया जाता है। ऐसा ही अब भाजपा में भी हो रहा है। आज भाजपा का कांग्रेसीकरण हो चुका है।

सीएए पर पक्ष में तर्क दें समर्थक :

उन्होंने सीएए के समर्थकों के बारे में कहा कि जो इसके समर्थन कर रहे हैं वे इसके पक्ष में मजबूत तर्क दें, सिर्फ गुंडई से काम नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि जो सीएए के समर्थक हैं वे हमारी नहीं तो स्वामी विवेकानंद की बात तो मान सकते हैं, जिन्होंने शिकागों में कहा था कि धर्म न पूछो, राष्ट्र न पूछो, जिसने भी भारत में शरण मांगी, हमने उन सभी को बिना किसी धर्म व राष्ट्र पूछे शरण दी है। तो इस पर अमल करना चाहिए। सीएए यही दो काम करता है धर्म व राष्ट्र पूछता है।

जो सीएए कानून लाया है, उसमें जमीन आसमान का फर्क है। उसमें न पड़ोस शब्द लिखा है, न प्रताडि़त शब्द, न अल्पसंख्यक व शरण शब्द कानून में लिखा है। सीएए कानून देश में संविधान, देश की आत्मा व स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों के विरुद्ध है, इसलिए हर देशवासी इसका विरोध करें।

हम लोगों ने देशभर में सीएए, एनआरसी व एनपीआर का विरोध करने की मुहिम चलाई है। हम लोग अप्रैल में होने वाले एनपीआर से इसका बहिष्कार से देशभर में इसकी शुरुआत करेंगे।

महंगाई, गिरते अर्थव्यवस्था से बचने की मजबूरी :

केंद्र सरकार के सीएए वापस नहीं लेने के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान बारे में  यादव ने कहा कि यह उनकी मजबूरी है, क्योंकि बढ़ती महंगाई और गिरते अर्थव्यवस्था से कैसे बचेंगे। इधर कुआं है, उधर खाई है, इसलिए वो कैसे पीछे हटेंगे। उन्होंने कहा कि अमित शाह नहीं तो प्रधानमंत्री मोदी हट सकते हैं। अभी नहीं तो छह माह बाद पीछे हटेंगे। पीएम मोदी कह रहे हैं कि फिलहाल एनआरसी लाने की कोई योजना नहीं है।

पीएम मोदी को स्पष्ट कहना चाहिए कि वे एनआरसी लागू नहीं करेंगे, यदि करना है तो बता दें कि कब से करेंगे। एनआरसी किसी समुदाय पर हमला नहीं है, यह देश के हर समुदाय व गरीब पर हमला है।

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