नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए सभी 70 सीटों के लिए शुरुआती रुझान सामने आ गए हैं। जिसमें आम आदमी पार्टी 58 व बीजेपी 12 सीटों पर बढ़त बनाई हुई है। वहीं कांग्रेस पिछली बार की ही तरह इस बार भी शून्य पर है।
बता दें कि आम आदमी पार्टी का दावा सबसे बड़ा है, क्योंकि 2015 के चुनावों में अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। AAP को 70 में से 67 सीट मिली थी और भाजपा के उम्मीदवार सिर्फ 3 सीट पर जीत पाए थे। कांग्रेस तो खाता भी नहीं खोल पाई थी।
मतगणना के बीच भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा, ट्रेंड बताते हैं कि आम आदमी पार्टी और भाजपा की सीटों के बीच गेप है। हमें अब भी उम्मीद है। हालांकि जो भी नतीजा आएगा, प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते मैं जिम्मेादारी लूंगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तीसरी बार सीएम बनने जा रहे हैं। वे पहली बार 2013 में 48 दिन इस पद पर रहे, फिर इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने दूसरी बार 14 फरवरी 2015 को सत्ता संभाली थी।
आप ने ईवीएम पर सवाल उठाए थे
चुनाव आयोग ने वोटिंग के आंकड़े मतदान के करीब 24 घंटे बाद जारी किए थे। आप ने इस पर हैरानी जताई और कहा कि भीतर ही भीतर खेल चल रहा है। आप ने ईवीएम की सुरक्षा पर भी सवाल उठाए। इसी के चलते उसने हर स्ट्रांग रूम पर अपने 10-10 कार्यकर्ता तैनात किए थे।
BJP के वोट और सीटें बढ़ी पर…
BJP के लिए इन चुनावों में संतोष करने वाली सबसे बड़ी बात यह है कि उसके वोट और सीटें बढ़ी हैं। 2013 में बीजेपी ने 68 सीटों पर कैंडिडेट उतारे थे और उसे 31 सीटों पर जीती मिली थी। तब उसे 33.07% वोट मिले थे। 2015 के चुनाव में भी बीजेपी को 32.1 प्रतिशत वोट मिले थे, लेकिन सीटें तीन ही हासिल हुईं। इस बार लगभग 11 से 13 सीटें मिलती दिख रही हैं। वहीं, वोट प्रतिशत की बात करें तो 2015 में करीब 32 प्रतिशत वोट हासिल करने वाली पार्टी को इस बार 7% की बढ़त के साथ 39% के करीब वोट मिलते दिख रहे हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या कांग्रेस के वोट BJP को शिफ्ट हुए हैं?
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