नई दिल्ली। भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए पिछले दो साल में सात राज्यों में सत्ता गंवा चुका है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद भाजपा 16 राज्यों में सिमट कर रह गई है। इन राज्यों में 42 फीसदी आबादी रहती है। दिल्ली समेत 12 राज्यों में अभी भी भाजपा विरोधी दलों की सरकारें हैं।

कांग्रेस खुद के बूते या गठबंधन के जरिए महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, पुडुचेरी, झारखंड समेत 7 राज्यों में सत्ता में है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी लगातार तीसरी बार जीती है। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, केरल में माकपा के नेतृत्व वाला गठबंधन, आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस, ओडि़शा में बीजद और तेलंगाना में टीआरएस सत्ता में है।

एक और राज्य तमिलनाडु है, जहां भाजपा ने अन्नाद्रमुक के साथ लोकसभा चुनाव तो लड़ा था, लेकिन राज्य में उसका एक भी विधायक नहीं है, इसलिए वह सत्ता में भागीदार नहीं है।

दो साल पहले एनडीए मजबूत था

दिसंबर 2017 में एनडीए बेहतर स्थिति में था। भाजपा और उसके सहयोगी दलों के पास 19 राज्य थे। एक साल बाद भाजपा ने तीन राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में सत्ता गंवा दी। यहां अब कांग्रेस की सरकारें हैं। चौथा राज्य आंध्र प्रदेश है, जहां भाजपा-तेदेपा गठबंधन की सरकार थी।

मार्च 2018 में तेदेपा ने भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया। 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां वाईएसआर कांग्रेस ने सरकार बनाई। पांचवां राज्य महाराष्ट्र है, जहां चुनाव के बाद शिवसेना ने एनडीए का साथ छोड़ा और हाल ही में कांग्रेस-राकांपा के साथ सरकार बना ली।

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