अंबिकापुर। सरगुजा राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव की यादों को लेकर भावुक दिग्विजय सिंह एक क्षण के लिए भी राजमाता की पार्थिव देह से दूर नहीं हुए। भावनाओं के बेहद आवेग ने उनकी आँखों को भीगा दिया।

राजमाता के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में शामिल होने अंबिकापुर पहुंचे दिग्विजय सिंह ने स्वर्गीय राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव को श्रद्धाजंलि देते हुए कहा कि उनका जाना मेरी व्यक्तिगत क्षति है, जिसकी पूर्ति ही संभव नहीं है, वे जब कुछ निर्णय कर लेती थीं तो अंत तक उस पर क़ायम रहती थीं।कई आंदोलनों में उनकी दृढ़ता अविस्मरणीय है, उनके मातृत्व भाव के साथ जो संरक्षण मिलता था.. वह मैं कभी नहीं भूल सकता।

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