पुनिया ने प्रधानमंत्री मोदी की तुलना महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे से की

रायपुर। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया एक दिवसीय दौरे पर रायपुर पहुंचे। यहां राजीव भवन में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि एससी-एसटी नियुक्ति और पदोन्नति में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ कांग्रेस पुनर्विचार याचिका दायर करेगी।

कांग्रेस ने केन्द्र सरकार से इसके लिए कानून बनाने की भी मांग की है। फैसले के विरोध में छत्तीसगढ़ में 16 फरवरी के बाद कार्यक्रम बनाए जाएंगे।

इस दौरान उन्होंने भाजपा और संघ पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएएस के लोग जिनका सम्मान करने का दिखावा करते है, उन्हीं को समाप्त भी करते हैं।

पुनिया ने प्रधानमंत्री मोदी की तुलना महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे से की। उन्होंने कहा कि मोदी और गोडसे में एक समानता है। जिस तरह गोडसे ने गांधीजी को गोली मारने से पहले पैर छुए उसी तरह मोदी ने सदन और संविधान पर मत्था टेका, लेकिन आज दोनों की व्यवस्थाओं को समाप्त किया जा रहा है।

पुनिया ने कहा भाजपा एसटी-एससी और ओबीसी आरक्षण को लेकर कुठाराघात करना चाहती है। भाजपा आरक्षण का खुलकर विरोध कर रही है। फैसले के पैराग्राफ़ 8 और 12 में भी इसका उल्लेख है, जिसमें कहा गया है कि एसटी एससी ओबीसी आरक्षण कोई वैधानिक अधिकार नहीं है।

राज्यों का भी वैधानिक उत्तरदायित्व नहीं है। यह सरकार के विवेक पर निर्भर करता है कि वह किसी वर्ग को आरक्षण दे या नहीं दे।

पुनिया ने कहा यह कोई सोच नहीं सकता कि आरक्षण को लेकर भाजपा की यह सोच है। सामाजिक और आर्थिक विषमता हमारे लिए बड़ी चुनौती है। आज भी यह विषमता हमारे बीच मौजूद है।

छत्तीसगढ़ इस मामले में सौभाग्यशाली है कि यहां एट्रोसिटी की कोई घटनाएं नहीं होतीं। आरएसएस और भाजपा लगातार आरक्षण के विरोध में बयान देती रही है। लगातार विरोध करती रही है। केंद्र सरकार और भाजपा आरक्षण खत्म करना चाहती है।

मोदी सरकार ने एसटी-एसटी पर कुठाराघात किया है

श्री पुनिया ने कहा कि मोदी सरकार ने एसटी-एससी सब प्लान खत्म कर इन वर्गों पर कुठाराघात किया है। अनुसूचित जाति पर मोदी सरकार में बेहिसाब हिंसा के बढ़ते मामले चौंकाने वाले हैं।

एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में 43203 मामले दर्ज हुए, यानी हर रोज देश में 118 अनुसूचित जाति उत्पीड़न के मामले दर्ज हुए व हर घंटे अनुसूचित जाति उत्पीड़न के पांच मामले दर्ज हुए।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने एसटी, एससी सबप्लान के माध्यम से गरीब को सरकारों के बजट में जनसंख्या के अनुपात पर हिस्सेदारी की शुरुआत की थी। मोदी सरकार ने पिछले साढ़े पांच सालों में उस अधिकार को खत्म कर दिया।

भाजपा सरकार में अनुसूचित जाति की सरकारी नौकरियों की संख्या 90 फीसदी कम हो गई। अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए आरक्षित नौकरियों के बैकलाग को भी नहीं भरा जा रहा है। प्री-मैट्रिक एससी स्कॉलरशिप स्कीम व पोस्ट मैट्रिक एससी स्कालरशिप स्कीम के बजट में भारी कटौती हुई है।

 

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