नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों को sc का बड़ा निर्देश दिया है। कोर्ट ने सभी राजनीतिक दलों को 48 घंटे के भीतर अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया पर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों के चयन के कारणों को अपलोड करने का निर्देश दिया।

कोर्ट ने यह फैसला राष्ट्रीय चुनावों में राजनीति के अपराधीकरण में बढ़ोत्तरी देखने के बाद लिया है। कोर्ट ने ये भी कहा पार्टियों को चुनाव आयोग को 72 घंटे के भीतर ब्यौरा देना होगा।
सर्वोच्च न्यायालय ने अखबारों, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और अपनी वेबसाइट पर चयन का कारण बताते हुए वेबसाइट पर उनका परिचय पत्र, उपलब्धियां और उनके अपराध का विवरण प्रकाशित करने का भी निर्देश दिया है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार ऐसा काम नहीं करने वाले राजनेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही गई है। हालांकि सूचना नहीं देने पर किस प्रकार की कार्रवाई की जाएगी कोर्ट ने नहीं बताया है।
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद राजनीतिक पार्टियों के नेताओं में खलबली मच गई है।
4 लोकसभा में लगातार बढ़ी दागी सांसदों की संख्या
लोकसभा | दागी सांसद | गंभीर मामले |
2019 | 43% | 29% |
2014 | 34% | 21% |
2009 | 30% | 14% |
2004 | 24% | 12% |
सुप्रीम कोर्ट ने 2 महीने पहले भी आदेश दिया था
सुप्रीम कोर्ट ने 25 नवंबर को चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि वह आपराधिक रिकॉर्ड वाले लोगों को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए आदेश पारित करे, ताकि तीन महीने के अंदर राजनीतिक दलों को आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेताओं को टिकट देने से रोका जा सके।
तब सीजेआई एसए बोबडे और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने उपाध्याय की जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए यह आदेश दिया था। उपाध्याय की मांग थी कि पार्टियों को अपराधिक छवि वाले लोगों को चुनाव के टिकट देने से रोका जाए। साथ ही उम्मीदवार का आपराधिक रिकॉर्ड अखबारों में प्रकाशित कराने का आदेश दिया जाए।
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