नई दिल्ली/रायपुर। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को निलंबित एडीजी मुकेश गुप्ता के खिलाफ दर्ज तीन अलग अलग एफआईआर पर सुनवाई होनी थी, लेकिन अब यह सुनवाई टल गई है। अब इस पर मार्च के पहले हप्ते में सुनवाई होगी।
राज्य सरकार और ईओडब्ल्यू द्वारा दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होनी थी, लेकिन निलंबित एडीजीपी मुकेश गुप्ता के वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने न्यायालय से जवाब प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार करते हुए 3 सप्ताह का समय दिया है। अब मुकेश गुप्ता के प्रकरण की सुनवाई मार्च के प्रथम सप्ताह में होगी।
दरअसल आरोपी मुकेश गुप्ता द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट पहले ही नो-कोरेसिव एक्शन का निर्देश छत्तीसगढ़ सरकार को दे चुका है।
तीन अलग अलग मामलों में सुनवाई होनी थी
सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को आरोपी मुकेश गुप्ता के खिलाफ दर्ज तीन अलग अलग एफआईआर पर सुनवाई होनी थी। दो मामले , FIR/06/2019 , 07/2019 अवैध फोन टेपिंग और ईओडब्ल्यू की जांच से जुड़े है, एक जबकि भिलाई के सुपेला थाने में दर्ज चार सौ बीसी के प्रकरण की विवेचना का मामला है ।
दरअसल आरोपी मुकेश गुप्ता ने शासन के साथ धोखाधड़ी करते हुए बगैर रकम चुकाए भिलाई में साडा का आवासीय भू-खंड की रजिस्ट्री अपने पक्ष में करवाई थी। वे साडा के तत्कालीन एसईओ भी थे और अपने पद का दुरूपयोग करते हुए उन्होंने इस भू-खंड को साडा के भंग होने के बाद अपने पक्ष में आवंटित किया था।
यही नहीं कागजी खानापूर्ति करने के लिए इस भू-खंड की रकम की अदायगी चेक के जरिये रजिस्ट्री पेपर पर दर्शायी गई थी, जबकि बैंक में भुगतान ही नहीं हुआ था। चार सौ बीसी के इस प्रकरण की शिकायत मानिक मेहता ने पुलिस से की थी।
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