रायपुर। कलिंगा विश्वविद्यालय मध्य भारत का अग्रणी एवं उत्कृष्ट शैक्षणिक संस्थान है। यहाॅ पर आधुनिकतम शिक्षा प्रणाली के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के लिए आवश्यक अधोसंरचना एवं बौद्धिक संस्थान विकसित किए गए हैं।
यही कारण है कि आज यहाॅ पर भारतवर्ष के विभिन्न प्रदेश के 6 हजार से ज्यादा विद्यार्थी और 18 अन्य देश के साढ़े चार सौ विद्यार्थी अध्ययनरत् हैं। कलिंगा विश्वविद्यालय अपने सामाजिक एवं शैक्षणिक दायित्व के अंतर्गत संपूर्ण भारत वर्ष में फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम, वर्कशाॅप और सेमीनार का आयोजन करता रहा है।
इसी क्रम में कलिंगा विश्वविद्यालय के द्वारा 15 फरवरी को आधुनिक शिक्षण पद्धति में नवाचार के संदर्भ में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें छत्तीसगढ़ के प्रतिष्ठित विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित थे। उक्त संगोष्ठी में ‘शिक्षा के मूल्यवान तत्व‘ और ‘आधुनिक शिक्षण पद्धति में नवाचार‘ विषय पर विभिन्न सत्रों एवं संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. आर. श्रीधर, महानिर्देशक डाॅ. बैजू जाॅन, कुलसचिव डाॅ. संदीप गांधी, डीन (स्टूडेंट वेलफेयर) डाॅं. आशा अंभईकर, शैक्षणिक प्रभारी श्री राहुल मिश्रा एवं अतिथियों की उपस्थिति में माॅ सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन एवं माल्यार्पण कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम के पहले सत्र में विश्वविद्यालय के महानिर्देशक डाॅ. बैजू जाॅन ने ‘‘आधुनिक शिक्षा का बदलता स्वरूप और शिक्षा के मूल्यवान तत्व‘‘ विषय पर उपस्थित प्राचार्यगणों को संबोधित किया जबकि संगोष्ठी के दूसरे सत्र में ‘‘आधुनिक शिक्षण पद्धति और नवाचार‘‘ विषय पर सत्र का आयोजन किया गया।
उक्त दोनों सत्रों में वर्तमान समय में आधुनिक शिक्षा के बदलते स्वरूप पर चर्चा के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण शोधपरक शिक्षा के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। विश्वविद्यालय के विषय विशेषज्ञ प्राध्यापक और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य करने वाले विद्वानों के द्वारा आधुनिकतम शिक्षण प्रद्धति एवं नवाचार विषय पर महत्वपूर्ण संवाद कार्यक्रम भी आयोजित किया गया।
समारोह के अंत में छात्र कल्याण प्रकोष्ठ की अधिष्ठाता डाॅ. आशा अंभईकर ने उपस्थित समस्त प्राचार्याें के लिए धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का सफल संचालन कपिल केलकर एवं सुश्री अविनाश कौर के द्वारा किया गया। उक्त समारोह के सफल आयोजन में कलिंगा विश्वविद्यालय की प्रबंधन समिति, प्राध्यापकगण एवं अधिकारी-कर्मचारियों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया।
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