मुंबई। आने वाले समय में एटीएम से पैसे निकालना महंगा हो सकता है। देश के एटीएम ऑपरेटर्स असोसिएशन ने भारतीय रिजर्व बैंक से इंटरचेंज फीस बढ़ाने की मांग की है। असोसिएशन का कहना है कि एटीएम चलाने वाली कंपनियों को कोई फायदा नहीं हो रहा है, इसलिए नकदी निकासी पर ग्राहकों को लगने वाले इंटरचेंज फीस को बढ़ाने की जरूरत है।


एटीएम मशीनें चलाने वाली इन कंपनियों का तर्क है कि आरबीआई के सुरक्षा मानकों के अनुपालन में इजाफा और मेंटनेंस की वजह से टेलर मशीनों को चलाने में आने वाली लागत बढ़ गई है, जबकि उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया, जिसकी वजह से इंटरचेंज फी बढ़ाना जरूरी हो गया है।

आरबीआई ने प्रति ग्राहक मुफ्त ट्रांजैक्शंस की अधिकतम सीमा पांच और इंटरचेंज फी प्रति ट्रांजैक्शन 15 रुपये तय कर रखा है। एटीएम इंडस्ट्री का कहना है कि कंपनियों को कारोबार चलाने के लिए यह रकम काफी नहीं है।

आरबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी को 13 फरवरी को भेजे गए एक पत्र के मुताबिक, ‘कंपनियों को लगातार हो रहा नुकसान न सिर्फ एटीएम बिजनस की व्यवहार्यता पर असर डाल रहा है, बल्कि इससे नए एटीएम लगने की रफ्तार भी सुस्त हो गई है।’

पत्र में कहा गया है, ‘इन सबके बीच आरबीआई बिना उनकी आर्थिक सेहत पर ध्यान दिए सुरक्षा के विभिन्न विभिन्न उपायों का अनुपालन करने की मांग करती रही है, जिससे इस क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।

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