रांची। झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) का 17 फरवरी को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में विलय हो जाएगा। कार्यक्रम में देश के गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा, सह प्रभारी रामविचार नेताम समेत अन्य नेता मौजूद रहेंगे।

इसे लेकर जहां झाविमो के प्रदेश से लेकर जिला स्तर तक के नेताओं व कार्यकतार्ओं में नई उम्मीदें बढ़ी हैं, वहीं पार्टी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को भी कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलना तय माना जा रहा है। सूत्रों का दावा है कि भाजपा ने मरांडी के सामने केंद्र में मंत्री, झारखंड विधानसभा में विपक्ष का नेता और झारखंड प्रदेश अध्यक्ष के पद का विकल्प रखा है। झाविमो के सूत्रों की माने तो मरांडी ने विधानसभा में विपक्ष के नेता के लिए हामी भर दी है।

बदलेंगे समीकरण

झारखंड विधानसभा चुनाव के बाद से ही झाविमो के भाजपा में विलय को लेकर कयास लगाए जाने लगे थे। वहीं इस विलय को सूबे की सियासत में नए समीकरण बनने की शुरूआत के तौर पर देखा जा रहा है। अंदरखाने की खबर है कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर राजीनीति के नेपथ्य में धकेल जा चुके हैं।

बता दें कि इस विलय को लेकर मरांडी ने पिछले कई दिनों से तैयारी प्रारंभ कर दी थी। पिछले दिनों मरांडी ने अपनी पार्टी की नई कार्यकारिणी बनाई थी, जिसमें उनके करीबियों को महत्वपूर्ण पदों पर बैठाया गया था, जिससे विलय को लेकर किसी प्रकार का विरोध या कानूनी अड़चन न पैदा हो जाए।

2019 चुनाव में झाविमो को तीन सीटों पर मिली थी जीत

झारखंड के पहले मुख्यमंत्री रहे और तब भाजपा के दिग्गज नेता मरांडी ने 2006 में भाजपा से अलग होकर नई पार्टी बना ली थी। उनकी पार्टी का हालांकि किसी भी चुनाव में प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। 2009, 2014 और 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में पार्टी को 11, आठ और तीन सीटों पर ही जीत मिली।

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