टीआरपी डेस्क। राजधानी के शंकरनगर बीटीआई मैदान में शनिवार से किताब मेला शुरू हुआ इस बीच एक ऐसी ही खबर गुजरात के राजकोट से निकलकर आई है, जिसमें एक बेटी ने शादी में उपहार के तौर पर किताबें मांगी और पिता ने इच्छा पूरी करने के लिए 6 माह में 2,200 पुस्तकें जुटाईं।

दरअसल, गुजरात के राजकोट के रहने वाले हरदेव सिंह की बेटी किन्नरी बा को बचपन से ही किताबें पढ़ने का शौक था। किताबों की छाया में पली-बढ़ी किन्नरी ने राज्य स्तरीय निबंध स्पर्धा से लेकर भाषण और वाद-विवाद में नाम कमाया। ईनाम के रूप में उसे पुस्तकें मिलतीं तो वह बहुत खुश होती। एक-एक करके उसने अपने घर पर ही 500 पुस्तकों की लाइब्रेरी बना ली। गणित में स्नातक किया। जब उसकी शादी वडोदरा के इंजीनियर पूर्वजीत सिंह से तय हुई, तो पिता ने पूछा कि तुझे दहेज में क्या चाहिए?
पिता को दी 2200 पुस्तकों की लिस्ट
तब किन्नरी ने कहा- पिताजी मुझे एक दिन का समय दीजिए। हरदेव सिंह को लगा कि बेटी शायद कहीं विदेश घूमने की चाहत बताएगी, लेकिन वे हतप्रभ रह गए जब दूसरे दिन बेटी ने उन्हें 2,200 पुस्तकों की लिस्ट दी। कहा- ‘मेरी शादी में आप दहेज में किताबें देंगे तो मुझे अच्छा लगेगा। आपके दिए संस्कारों को तो मैं जी रही हूं। लेकिन मेरी इच्छा है कि जिन किताबों को मैंने आज तक नहीं पढ़ा, उसे पढ़कर ज्ञान का विस्तार करूं। यह मुझे और भविष्य की पीढ़ी को और अधिक संस्कारित करने में मदद करेगा।’ बेटी के यह कहने के बाद पिता हरदेव सिंह ने तय किया कि वे हर हाल में उसकी इच्छा पूरी करेंगे।
पुस्कतें इकट्ठा करने में लगे 6 महीने
हरदेव सिंह ने कहा कि ‘बेटी की पसंदीदा पुस्तकों को इकट्ठा करने में ही 6 महीने लग गए। लिस्ट में महर्षि वेद व्यास से लेकर आधुनिक लेखकों की अंग्रेजी, हिंदी और गुजराती भाषा की किताबें शामिल हैं। इसमें धर्म, विज्ञान, इतिहास, भूगोल समेत तकरीबन हर विषय की पुस्तकें हैं। कुरान, बाइबिल समेत 18 पुराण भी शामिल हैं। आज बेटी को ज्ञान की धरोहर के साथ विदाई की घड़ी में मैं खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।
अगर आपभी अपने आने वाली पीढ़ी को संस्कार देना चाहते हैं तो पुस्तक मेला में जरूर आए। अच्छी पुस्तकें अच्छी दोस्त होती हैं जो आपको न सिर्फ राहे दिखाती बल्कि आपके लाडलों को सुसंस्कारित भी बनाती है। अगर ये खबर आपको अच्छी लगे तो इसे औरों को भी शेयर जरूर करें।
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