रायपुर/महासमुंद/धमतरी। समर्थन मूल्य पर धान बेचने छत्तीसगढ़ में किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी अमले द्वारा रोज-रोज बनाए जाने वाले नियमों से तंग आकर धमतरी जिले का एक किसान हाईकोर्ट बिलासपुर में याचिका लगाया।

धान बेचने में आ रही समस्या और बदहाल खरीदी व्यवस्था से तंग आकर धमतरी के कुरूद ब्लाक का किसान दीपक चंद्राकर, बिमला चंद्राकर की फरियाद पर हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। न्यायालय ने किसान की याचिका पर सुनवाई की और धान खरीदी करने वाले सहकारी समिति को तीसरा टोकन जारी करके धान खरीदी करने आदेशित किया है।

मिली जानकारी के अनुसार धमतरी जिले के कुरूद ब्लाक के उमरदा परखंदा गांव के किसान दीपक चंद्राकर और बिमला चंद्राकर ने धान बेचने के लिए गाड़ाडीह खरीदी केंद्र से टोकन लिया था।किसान ने दो टोकन में धान बेचा। तीसरा टोकन भी मिला, लेकिन अव्यवस्था के चलते और आपरेटर की लापरवाही से तीसरा टोकन निरस्त कर दिया गया। इससे वह धान नहीं बेच पा रहा था। टोकन निरस्त करने का विरोध करने और दोबारा तीसरा टोकन देने की मांग करने पर टाल मटोल किया जाता रहा।
टोकन लेने की अंतिम तारीख 19 फरवरी देखते हुए किसान ने अपने अधिवक्ता दुर्ग निवासी मयंक चंद्राकर के माध्यम से बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जिस पर न्यायाधीश पी साम कोशी ने 18 फरवरी को अहम फैसला दिया और खरीदी केंद्र को तीसरा टोकन जारी कर किसान का धान खरीदने का आदेश दिया है।

अधिवक्ता मयंक चंद्राकर ने बताया कि किसान की समस्या को देखते हुए न्यायालय ने प्रकरण पर त्वरित सुनवाई की और फैसला दिया। मामले में दीपक चंद्राकर और बिमला चंद्राकर ने छग शासन के सचिव को-आपरेटिव विभाग, सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, संचालक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, कलेक्टर धमतरी, खाद्य अधिकारी धमतरी, शाखा प्रबंधक वृहताकार कृषि साख समिति गाड़ाडीह और आपरेटर कोमल साहू को पार्टी बनाया था।

अधिवक्ता के अनुसार किसान का तीसरा टोकन निरस्त करने में आपरेटर की लापरवाही थी। जिसे समिति ने स्वीकार भी किया। जिस पर न्यायालय ने कहा कि आरपरेटर की लापरवाही से किसानों को परेशान न होना पड़े, इसका ख्याल रखा जाए।

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