इस्लामाबाद/पेरिस। टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर होने के लिए 4 महीने का समय और दिया है। पाकिस्तान को अक्टूबर 2020 तक 27 बिंदुओं वाले एक्शन प्लान पर पूरी तरह अमल करने के लिए कहा गया है। यदि पाकिस्तान ऐसा करने में सफल रहा तो उसे ग्रे लिस्ट से बाहर किया जा सकता है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा।

इससे पहले, एफएटीएफ ने गुरुवार को ही पाकिस्तान में ग्रे लिस्ट में बरकरार बनाए रखने की घोषणा की थी।
डॉन न्यूज ने सूत्रों के हवाले से कहा- 16 फरवरी से बैठक शुरू हो चुकी है। पाकिस्तान अपना पक्ष रख चुका है। उसने 27 बिंदुओं में से 14 पर कदम उठाने का दावा किया। यही कारण है कि एफटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर होने के लिए अतिरिक्त समय दिया है। इस दौरान उसे बाकी के 13 बिंदुओं पर कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
चीन का कदम हैरान करने वाला
पाकिस्तान को लेकर चीन का नया कदम हैरान करने वाला है। एफएटीएफ की अब तक हुई हर मीटिंग में चीन ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने की मांग की थी। इस बार उसने ऐसा नहीं किया। माना जा रहा है कि चीन पर अमेरिका और भारत के साथ ही यूरोप और खाड़ी देशों खासकर सऊदी अरब का दबाव था। एकमात्र तुर्की ऐसा देश था, जिसने पाकिस्तान का पक्ष लिया और उसे ग्रे लिस्ट से बाहर किए जाने की मांग की।
पाकिस्तान पर दबाव बढ़ेगा
एफएटीएफ की अगली बैठक जून में होगी। इसमें पाकिस्तान द्वारा टेरर फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी सरगनाओं के खिलाफ की गई कार्रवाई की समीक्षा होगी। अगर एफएटीएफ इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं होता है तो उसका ब्लैकलिस्ट होना तय हो जाएगा। इसे लेकर पाकिस्तान पर दबाव होगा।
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