रायपुर। उदयानिकी विभाग एवं बागवानी मिशन में वर्मी कंपोस्ट खरीदी में हुए करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के मामले में प्रदेश के कृषि मंत्री दोषी अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज कराने के मामले में कोई नरमी बरतने के मूड में नहीं है।


मंगलवार को नया रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय कृषि मेला के समापन समारोह में टीआरपी के संपादक उचित शर्मा से मुलाकात के दौरान प्रदेश के कृषि मंत्री रवींद्र चौबे ने कहा कि भ्रष्टाचारी अफसरों को बख्शा नहीं जाएगा। शासन स्तर में दोषियों के खिलाफ एफआईआर करने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं।

कृषि मंत्री रवींद्र चौबे ने बताया कि प्रिंसिपल सिकरेट्री मनिंदर कौर द्विवेदी को इस पूरे प्रकरण की जांच कर दोषी के खिलाफ एफआईआर करने के निर्देश दिए गए हैं।

आपको बता दें की टीआरपी ने इस मामले को ‘उद्यानिकी एवं बागवानी मिशन में भ्रष्टाचार के केंचुए ने निगल लिए 25 करोड़, वर्मी बेड के नाम पर करोड़ों का घोटाला’ शीर्ष​क के साथ प्रमुखता से उठाया था। जिसके बाद कृषि मंत्री ने संज्ञान लेते हुए विभाग की प्रिंसिपल सिकरेट्री मनिंदर कौर द्विवेदी को इस पूरे प्रकरण की जांच कर दोषी के खिलाफ एफआईआर कराने को कहा है।

जानें पूरा मामला

दरअसल तीन महीने पहले उद्यानिकी विभाग ने करोड़ों रुपये की वर्मी कंपोस्ट की खरीदी की थी। कमाल की बात ये रही कि कंपोस्ट जिस कीमत पर खरीदी गई, वो ना सिर्फ मार्केट रेट से तीगुने-चौगुने रेट का था, बल्कि गुणवत्ताविहिन भी था।

कृषि विभाग के अंतर्गत आने वाले उद्यानिकी एवं बागवानी मिशन में यह खेल काफी दिनों से चल रहा था। मिशन में किसानों को केंचुआ खाद बनाने के लिए वर्मी बेड सप्लाई करने के नाम पर करीब 25 करोड़ रुपए के वारे-न्यारे किए गए। इतना ही नहीं इसमें बागवानी मिशन के अधिकारी कमिशन के लिए अपने पसंदीदा सप्लायर को ही किसानों को वर्मी बेड सप्लाई करने का जिम्मा दे रखा है। वहीं सप्लायर किसानों को बेहद घटिया वर्मी बेड सप्लाई कर रहे हैं, जिसमें केंचुआ खाद का निर्माण ही नहीं हो सकता।

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