नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को ट्वीट करते हुए कहा कि वह इस रविवार को सोशल मीडिया छोड़ने का मन बना रहे हैं। वह इसके बारे में आगे बताएंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय माने जाते है और अपनी बातों को जनता तक पहुंचाने के लिए वे इसका इस्तेमाल करते हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वो पांच बातें जो उन्होंने अतीत में सोशल मीडिया को लेकर कही थी-

सोशल मीडिया के जरिए न करें दुष्प्रचार

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि सोशल मीडिया को दुष्प्रचार का हथियार न बनाएं। उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अगस्त 2018 में बीजेपी कार्यकर्ताओं और वालेंटियर्स के साथ वीडियो के जरिए चर्चा में इस बात पर जोर दिया था कि इस देश में पॉजिटिव न्यूज का माहौल बनाने की जरूरत है और ऐसी सूचना साझा करें जिससे समाज मजबूत हो सके। उन्होंने कहा था कि आज के दिनों में एक मोहल्ले के अंदर दो घरों की लड़ाई राष्ट्रीय खबर बन जाती है।

लोग झूठी सूचनाओं को देखकर आगे करते है फॉरवर्ड

पीएम मोदी ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि लोग सीमा को लांघ जाते हैं। वे कुछ झूठी चीज सुन या देख लेते हैं और उसे आगे फॉरवर्ड कर देते हैं। वह इस बात का अनुमान नहीं लगाते हैं कि उससे कितना देश और समाज का नुकसान होगा। कुछ लोग ऐसी भाषा का इस्तेमाल करते हैं जो किसी सभ्य समाज को शोभा नहीं देती है।

लोगों के कल्याण के लिए हो सोशल मीडिया का इस्तेमाल

सिविल सर्विसेज डे के मौके पर नौकरशाहों की एक बैठक के दौरान उन्होंने कहा था- “सोशल मीडिया का इस्तेमाल लोगों को कल्याण के लिए किया जाना चाहिए न कि खुद की तारीफ के लिए।”

ई-गवर्नेंस से मोबाइल गवर्नेंस की ओर बढ़ रही दुनिया

उन्होंने कहा था कि दुनिया ई-गवर्नेंस से मोबाइल गवर्नेंस की ओर बढ़ रही है और लोगों के कल्याण के लिए बेहतरीन उपकरण के इस्तेमाल की आवश्यकता है। पीएम ने आगे कहा था- अगर मैं सोशल मीडिया के लिए पोलियो टीका की तारीख के बारे में बता रहा हूं तो कि वह उस निश्चित तारीख को टीका लगाने आए तो वह (सोशल मीडिया) फायदेमंद है। लेकिन, अगर टीकाकरण संबंधी काम के दौरान मैं अपनी फोटोग्राफ की फेसबुक पर तारीफ करूं तो उस पर सवाल खड़े होंगे (जो सिविल सर्वेंट की तरफ से किया गया है)।

सोशल मीडिया पर अभद्रता से विरोध को मिलता है बोलने का मौका

पीएम मोदी ने कहा था कि सोशल मीडिया पर अशोभनीय बातें बोलने से विरोधियों को बोलने का मौका मिल जाता है और वे राइट विंग या उनके जुड़े लोगों को इसको लेकर निशाना साधते हैं, वे जिन्हें पसंद नहीं करते हैं उनके खिलाफ उस तरह से हमला करते हैं।

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