दंगा भड़काने में नाम सामने आने के बाद पार्षद ताहिर हुसैन को आम आदमी पार्टी ने निलंबित कर दिया था

ताहिर ने कड़कड़डूमा कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की थी, उसे भी खारिज कर दिया गया

नई दिल्ली। दंगा भड़काने का आरोपी आप पार्षद ताहिर हुसैन ने गुरुवार को रोज एवेन्यू कोर्ट में सरेंडर की कोशिश की, लेकिन अदालत ने यह कहते हुए सरेंडर से इनकार कर दिया कि यह हमारे अधिकार क्षेत्र का मामला नहीं है। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें कोर्ट की पार्किंग से गिरफ्तार कर लिया।

ताहिर ने कड़कड़डूमा कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए भी अर्जी दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। दंगे में नाम सामने आने के बाद आम आदमी पार्टी ने ताहिर को पार्टी से निलंबित कर दिया था।

ताहिर की छत से पेट्रोल बम, तेजाब, ईंट-पत्थर और गुलेल मिले थे

हिंसा के बाद पार्षद ताहिर के घर की छत से ईंट-पत्थर, गुलेल और हिंसा के लिए उपयोग में लाए जा सकने वाले सामान मिले थे। उसके घर में तेजाब को बोतलों में भरकर रखा गया था। आप सांसद संजय सिंह ने कहा था कि उसके खिलाफ दिल्ली के दयालपुर पुलिस थाने में धारा 302 (हत्या) के तहत एफआईआर दर्ज है। दिल्ली हिंसा मामले में अब तक 531 केस दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें 47 आर्म्स एक्ट के हैं। 1647 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

8 दिन के बाद शाहरुख की गिरफ्तारी हुई

दिल्ली हिंसाः दंगा भड़काने का आरोपी पार्षद ताहिर हुसैन गिरफ्तार, अदालत के सामने सरेंडर करना चाहता था, पर कोर्ट ने किया इनकार के लिए इमेज नतीजे

मोहम्मद शाहरुख को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने 3 मार्च को उत्तर प्रदेश के शामली से गिरफ्तार किया था। शाहरुख ने 24 फरवरी को जाफराबाद में पुलिस जवान पर पिस्तौल तानी थी और 8 राउंड फायरिंग की थी। वह 8 दिन से वह फरार था।

हिंसा के दौरान आगजनी की 300 घटनाएं रोकीं: रैपिड एक्शन फोर्स

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में टकराव की शुरुआत 22 फरवरी की शाम को हुई थी, जब जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे की सड़क पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जुटने लगे। इनमें ज्यादातर महिलाएं थीं। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि शाहीन बाग की तरह हम यहां से भी नहीं हटने वाले। लेकिन पुलिस वहां से तिरपाल और तख्त उठाकर ले गई थी।

पूर्वी दिल्ली के मौजपुर में भी प्रदर्शनकारियों ने एक सड़क बंद कर रखी थी। हिंसा रोकने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) समेत भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया था। हिंसा के दौरान सुरक्षाबलों ने आगजनी की 300 घटनाएं रोकीं। इसके बावजूद दंगाइयों ने 79 घर और 327 दुकानें पूरी तरह से जला दी थी।

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