1100 लोगों की पहचान की गई है, 3 लोग गिरफ्तार

नई दिल्ली। दिल्ली दंगों के 15 दिन बाद बुधवार को पहली बार सरकार ने सदन में जवाब दिया। दिल्ली दंगों पर चर्चा के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि फेस आइडेंटिफिकेश सॉफ्टवेयर के जरिए 1100 लोगों की पहचान की गई। जांच में पता चला है कि 300 दंगाई उत्तर प्रदेश से आए थे और उन्होंने दंगा भड़काया। उन्होंने दिल्ली पुलिस की तारीफ की और कहा कि पुलिस ने 36 घंटे में इन दंगों पर काबू कर अपना काम बखूबी निभाया है।

शाह ने सदन में जानकारी दी कि दंगों को फाइनेंस करने वाले 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। 60 अकाउंट दंगों के दौरान एक्टिव थे और दंगे खत्म होते ही यह बंद हो गए। उन्होंने कहा कि दंगों में हिंदु और मुसलमान की नहीं, भारतीयों की जान गई, भारतीयों की दुकान जली।

शाह ने सदन को आश्वस्त किया कि पूछताछ के लिए किसी को भी बुलाया जा सकता है, लेकिन गिरफ्तारी उसी की होगी, जिसके खिलाफ पुख्ता सबूत होंगे और पहले इन सबूतों की जांच की जाएगी।

सोनिया और वारिस पर निशाना- 14 दिसंबर को रैली में हेट स्पीच दी गई

शाह ने कहा- सीएए को लेकर सदन में पूरी स्पष्टता बरती गई। लेकिन, इसी को लेकर पूरे देश, अल्पसंख्यक युवाओं को गुमराह किया गया। अलग-अलग तरह से चीजें फैलाई गईं। 24 फरवरी के पहले सीएए के विरोध से ज्यादा सीएए के समर्थन में देशभर में रैलियां निकलीं।

27 से ज्यादा रैलियों में मैं खुद गया हूं। 14 दिसंबर को एंटी सीएए रैली की गई। एक पार्टी के नेता ने कहा कि अगर घर से बाहर नहीं निकलोगे तो कायर कहलाओगे, आर-पार की लड़ाई लड़ो। 16 दिसंबर को शाहीन बाग का धरना शुरू हुआ और वहीं से इसकी शुरुआत हुई।

एक संगठन है यूनाइटेड अगेंस्ट हेट, 17 फरवरी को रैली की कि 24 फरवरी को जब ट्रम्प आएंगे तो हम उन्हें बताएंगे कि यहां की सरकार क्या कर रही है। हम सभी को बुलाते हैं कि वो इस दिन सड़कों पर निकलें। 19 फरवरी को वारिस पठान ने कहा कि जो चीज मांगने से नहीं मिलती, वो छीननी पड़ती है। हम 15 करोड़ हैं, लेकिन 100 करोड़ पर भारी पड़ेंगे और आप रोड पर निकलिए।

दंगों में हिंदू-मुस्लिम नहीं, भारतीय मारे गए और भारतीयों की दुकान जली

उन्होंने कहा- किसी की गाढ़े पसीने की कमाई दंगों में खाक हो जाई, तो दुख होगा। वीडियोग्राफी के आधार पर जिन लोगों ने भी दुकानें जलाई, उन्हें पकड़कर सारी संपत्ति जब्त की जाएगी। हमने दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखा है कि कमेटी के लिए जज का नाम आप दें।

52 भारतीयों की मृत्यु हुई, 526 भारतीय घायल हुए, 371 भारतीयों की दुकानें और 142 भारतीयों के घर जले हैं। सदन में हिंदू-मुसलमान के हिसाब से आंकड़े मांगे जाते हैं? मंदिर भी जले और मस्जिद भी जलीं। ओवैसीजी ने जुबेर का उदाहरण दिया, लेकिन आईबी अधिकारी की बात भी कही होती तो गर्व होता।

पुलिस का काम लोगों की हिफाजत का था, उन्होंने इसे बखूबी निभाया

शाह ने कहा कि दिल्ली हिंसा को राजनीतिक रंग देने का प्रयास हुआ। इसे एक धर्म विशेष से भी जोड़ने की कोशिश की गई। जिस तरह से इस घटना को देश में दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से पेश किया गया और सदन में जिस तरह से इसे रखने की कोशिश की गई, उस पर मैं अपनी बात रखूंगा।

शाह बोले- अधीर रंजन ने कहा कि चर्चा में देर क्यों? 25 फरवरी को रात 11 बजे के बाद एक भी हिंसा की घटना नहीं हुई। 2 मार्च को सदन शुरू हुआ, दूसरे ही दिन हमने कहा कि होली के बाद चर्चा करेंगे। ऐसा इसलिए ताकि कोई विवाद न उपजे। ऐसा वातावरण न बने कि देश की होली शांतिपूर्ण न हो।

उन्होंने कहा- 700 से ज्यादा केस दर्ज किए गए, 2647 लोग हिरासत में लिए गए या गिरफ्तार किए गए। वीडियो फुटेज और सीटीटीवी फुटेज का 25 से ज्यादा कम्प्यूटर्स पर एनालिसिस किया जा रहा है। आइडेंटिफिकेशन सॉफ्टवेयर के जरिए पहचान की कोशिश की गई।

इसमें वोटर आईडी का डाटा डाला गया था। यह जाति-धर्म नहीं देखता है। 1100 से ज्यादा लोग पहचान लिए गए हैं। 300 से ज्यादा लोग यूपी से यहां दंगा करने आए थे। यह बताता है कि यह गहरी साजिश थी। फेस आइडेंटिफिकेश सॉफ्टवेयर के माध्यम से लोगों की पहचान की गई, 40 टीमें इन्हें गिरफ्तार करने के प्रयास में लगी हैं।

हम किसी भी ऐसे व्यक्ति को नहीं बख्शेंगे, जिनका इन दंगों में रोल हैं। बयान दर्ज किए जा रहे हैं, उसकी वीडियोग्राफी की जा रही है। हमारी पूरी चिंता है कि किसी निर्दोष पर कार्रवाई न हो। 25 तारीख की शाम से शांति समिति की मीटिंग शुरू की। अब तक 650 से ज्यादा ऐसी मीटिंग हो चुकी हैं।

अजित डोभाल से विनती की थी कि वे जाकर पुलिस का मनोबल बढ़ाएं

गृह मंत्री ने कहा कि 24 की शाम 7 बजे, 25 की सुबह 8 बजे, 25 की शाम को 7 बजे तक सारी रिव्यू मीटिंग मेरी अध्यक्षता में हुई। मैंने ही अजित डोभाल से विनती की थी कि वे जाकर पुलिस का मनोबल बढ़ाएं। मैं इसलिए नहीं गया, क्योंकि पुलिस का काम उस वक्त दंगे को शांत करना था।

दंगे इतनी जल्दी कैसे फैल गए? 50 से ज्यादा लोगों की जान गई, हजारों करोड़ का नुकसान हुआ। यह छोटी बात नहीं है। जहां दंगे हुए वह घनी आबादी वाला एरिया है, संकरी गलियां हैं कि दोपहिया भी नहीं जा सकते, सबसे ज्यादा मिली-जुली आबादी यहां रहती है, यहां दंगों का पुराना इतिहास रहा है। आपराधिक तत्वों का भी यहां पुराना इतिहास रहा है। यह यूपी के बॉर्डर से भी सटा हुआ है। सीआरपीएफ भेजनी चाहिए।

इससे पहले भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने सरकार का पक्ष रखते हुए 1984 के दंगों का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। लेखी ने कहा कि 84 के दंगों के कुछ आरोपी तो मुख्यमंत्री तक बन गए हैं। वहीं, कांग्रेस की तरफ से अधीर रंजन चौधरी ने सवाल किया कि जब दिल्ली में हिंसा जारी थी, उस वक्त गृहमंत्री अमित शाह क्या कर रहे थे।

संसदीय मंत्री ने सांसदों का निलंबन खत्म करने का संकल्प पेश किया

इससे पहले, लोकसभा से कांग्रेस के सात सांसदों का निलंबन कर दिया गया। बुधवार को संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सांसदों का निलंबन खत्म करने का संकल्प पेश किया और सदन ने इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया। इसके बाद स्पीकर ओम बिड़ला ने तत्काल प्रभाव से सभी सांसदों का निलंबन खत्म होने की घोषणा की।

कांग्रेस के सात सांसदों… गौरव गोगोई, टीएन प्रथपन, डीन कुरियाकोस, आर उन्नीथन, मणिकम टैगोर, बेनी बेनन और गुरजीत सिंह औजला को 5 मार्च को बजट सत्र की बची हुई अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था। स्पीकर ने इन सांसदों के व्यवहार पर आपत्ति जताई थी।

भाजपा सांसद लेखी ने 84 के दंगों का जिक्र किया

सदन में दिल्ली हिंसा पर चर्चा में भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा- अनुराग ठाकुर और परवेश वर्मा को दिल्ली हिंसा के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है। ठाकुर ने 20 जनवरी और वर्मा ने 28 जनवरी को बयान दिया, जबकि हिंसा 23 फरवरी से शुरू हो गई थी।

कपिल मिश्रा को अमानतुल्लाह खान, शर्जील इमाम और ताहिर हुसैन के कारनामों का जिम्मेदार बताया गया। लेखी ने कहा- जो लोग 1984 दंगों की बात करते हैं, मैं उन्हें बताना चाहती हूं कि उसके कुछ आरोपी तो आज मुख्यमंत्री बन चुके हैं।

उन्होंने कहा- लोग टूट जाते हैं घर बनाने को और तुम तरस नहीं खाते हो बस्तियां जलाने को। मेरे पास डेटा है, जो यह बताता है कि देश में हुई हिंसक घटनाओं के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है। दिल्ली हिंसा पर 36 घंटों में नियंत्रण पा लिया गया। अगर अतीत के दूसरे मामलों पर नजर डालें, तो पाएंगे कि पहले इसमें महीनों लग गए थे।

कांग्रेस का सवाल-दिल्ली हिंसा के वक्त शाह कहां थे

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा- सरकार, खासतौर पर गृह मंत्री अमित शाह को दिल्ली में तीन दिन तक जारी रही हिंसा पर जवाब देना चाहिए। जब दिल्ली जल रही थी, तब अमित शाह क्या कर रहे थे? चौधरी ने बुधवार को कहा था कि जब तक सरकार हिंसा पर चर्चा नहीं कराएगी, तब तक सदन की कार्यवाही नहीं चलने देंगे।

हालांकि, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी कह चुके थे कि होली के बाद 11 मार्च को लोकसभा और 12 मार्च को राज्यसभा में इस पर चर्चा कराई जा सकती है। गृह मंत्री अमित शाह इस मामले पर शाम को सदन में बयान दे सकते हैं।

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