प्रदेश के प्रमुख मंदिर चंद्रहासिनी मां, महामाया मंदिर, दंतेश्वरी व मनका दाई मंदिर सहित अन्य मंदिरों में प्रवेश प्रतिबंध

रायपुर/जगदलपुर/ दंतेश्वरी/रतनपुर/रायगढ़, राजनांदगांव/जांजगीर-चांपा। इस बार चैत्र नवरात्र 25 मार्च से शुरू हो रहा है, लेकिन इस बार नवरात्र पर देवी मंदिरों में सन्नाटा पसरा रहेगा, क्योंकि मंदिरों में कोरोना का कहर मंडरा रहा है। प्रदेश के सभी नगरीय निकाय में धारा 144 लागू भी कर दिया गया है, इसलिए प्रशासन द्वारा ज्योति प्रज्जवलित व श्रद्धालुओं के दर्शन पर रोक लगा दी गई है।

इस बार श्रद्धालु न ही ज्योति प्रज्ज्वलित करा सकेंगे और न ही मंदिर में माता का दर्शन कर सकेंगे। प्रदेश के प्रमुख देवी मंदिर राजधानी रायपुर में महामाया मंदिर, बस्तर में दंतेश्वरी, मंदिर, रतनपुर में महामया मंदिर, चंद्रपुर में चंद्रहासिनी मंदिर, डोंगगरढ़ में बम्लेश्वरी मंदिर, मनका देवी मंदिर समेत तमाम बड़े मंदिरों में देवी दर्शन पर रोक लगा दी गई है।

महामाया मंदिर रायपुर के लिए इमेज नतीजे

देशभर में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ रहा है। सरकार भी वायरस को रोकने की तैयारी में जोर-शोर से जुटी हुई है। प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित एक मरीज मिलने के बाद से लोगों में दहशत बढ़ गई है। सरकार ने भी ऐहतियातन कई कड़े फैसले लिए हैं। वहीं आम लोग भी अपनी जिम्मेदारी समझ रहे हैं और अपनी ओर से ऐहतियात बरत रहे हैं।

बम्लेश्वरी मंदिर डोंगरगढ़ के लिए इमेज नतीजे

25 मार्च से शुरू होने वाली नवरात्रि में महामाया मंदिर हरदी, मनका दाई खोखरा में समिति के सदस्यों व मोहल्लेवासियों की सहमति से इस वर्ष मंदिर में भक्त दर्शन भी नहीं कर सकेंगे। कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए रियासतकालीन कई मंदिरों में इस वर्ष ज्योति कलश प्रज्जवलित नहीं किए जाएंगे। नवरात्रि के दौरान भक्तगणों को मंदिर के अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं रहेगी।

प्रदेश सहित जिले में धारा 144 लागू है। इसके लिए पहले से ही कलेक्टर द्वारा निर्देश दिया जा चुका है। लेकिन वर्तमान में एसडीएम जांजगीर द्वारा मंदिर प्रबंधन को निर्देशित किया जा रहा है।

कट चुक रसीद का पैसा होगा वापस

नवरात्रि प्रारंभ 25 मार्च से है। इसके लिए अधिकांश मंदिरों में तैयारी के अलवा रसीद काटने की प्रक्रिया चल रही है। बड़ी संख्या में मंदिरों में रसीद कट चुकी है। मंदिर प्रबंधन का कहना है कि जिन भक्तों का रसीद कट चुका है। उसका पैसा वापस किया जाएगा या अगले शारदीय नवरात्र में इसी राशि का कलश स्थापना किया जाएगा। पैसा वापस लेने का निर्णय भक्त पर होगा।

केवल पुजारी व बैगा को प्रवेश

हरदी महामाया मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सुधराम यादव ने बताया कि प्रशासन द्वारा धारा 144 के तहत पांच या पांच से अधिक व्यक्ति इकट्ठा नहीं हो सकेंगे। इसका पालन महामाया मंदिर हरदी ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा।

एक सार्वजनिक ज्योति कलश की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा कोई अन्य कलश प्रज्जवलित नहीं किए जाएंगे। नवरात्र के समय केवल पुजारी, बैगा व प्रबंधन के अलावा किसी भी व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इसके लिए मंदिर परिसर में नोटिस भी चस्पा कर दिया जाएगा।

चंद्रपुर के चंद्रहासिनी में 7 हजार ज्योति कलश होती है प्रज्जवलित

चंद्रहासिनी मंदिर, चंद्रपुर रायगढ़ के लिए इमेज नतीजे

चंद्रपुर में नवरात्रि पर लगभग 7 हजार ज्योति कलश हर साल प्रज्जवलित होती है। रियासत काल से यहां ज्योति कलश प्रल्ज्जवलित होती आ रही है। इस बार कोरोना के कारण ज्योति कलश प्रज्जवलित नहीं होगा।

इतिहास में पहली बार बस्तर की आराध्य देवी के द्वार चैत्र नवरात्र में रहेंगे बंद

इतिहास में ऐसा होगा पहली बार, बस्तर की आराध्य देवी के द्वार चैत्र नवरात्र में रहेगें बंद

बस्तर के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा जब नवरात्र के दौरान भक्त अपने आराध्य देवी दंतेश्वरी माता के दर्शन नहीं कर पाएगें। आपको बता दे कि, बस्तर में सिर्फ दंतेश्वरी मंदिर ही नहीं आसपास के सभी मंदिर इस लाॅकडाउन के जद में आ चुके है।

मिली जानकारी के मुताबिक नवरात्र के दौरान बस्तर की आराध्य देवी के पट बंद हो जाएगें। ज्ञात हो कि, कोरोना वायरस के कारण मंदिरों को बंद कर दिया गया है ताकि लोगों को कोरोना का संक्रमण न फैले। हर साल नवरात्रि में दंतेश्वरी माता के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालू मां दंतेश्वरी के दर्शन के लिए जगदलपुर आते है। इस बार वे नहीं आ पाएगें।

घर पर ही करनी होगी पूजा

इस कोरोना वारयस के प्रकोप के चलते लोगों को घर पर ही नवरात्रि की पूजा करनी होगी क्योकिं दंतेश्वरी मंदिर के अलावा षहर के अन्य दवी मंदिरों के पट भी बंद रहेगें।

दंतेवाड़ा स्थित शक्तिपीठ भी रहेगा बंद

दंतेश्वरी मंदिर दंतेश्वरी के लिए इमेज नतीजे

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में स्थित देवी मां दंतेश्वरी शक्तिपीठ दंतेश्वरी के कपाट भी बंद रहेगें; बताया जा रहा है कि, यह शक्तिपीठ पिछले 3 से 4 दिनों से बंद है। इस मंदिर के पुजारी एंव कार्यकर्ताओं को ही मंदिर के अंदर जाने की इजाजत दी गई है। उसमें भी वह सभी आरती के समय ही अंदर जा सकते है बाकी श्रद्धालुओं के लिए कपाट बंद ही रहेगा।

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