नई दिल्ली। एक अप्रैल से बैंकिंग व्‍यवस्‍था में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। देश की दस बैंकों का वजूद पूरी तरह से बदल जाएगा। इनके नाम और नियम भी बदल जाएंगे। पूर्व निर्धारित व्‍यवस्‍था के अनुसार देश की दस बैंकों का विलय होने जा रहा है।


भारतीय रिजर्व बैंक ने इस मजर्र को आगामी 1 अप्रैल से लागू किया जाना तय कर दिया है। इसके तहत राज्‍य संचालित दस बैंकों का विलय चार बैंकों के रूप में होगा जो सार्वजनिक क्षेत्र की बड़ी बैंक बनकर उभरेंगी। इस व्‍यवस्‍था के बाद से खाताधारकोंं के बैंक खातों की संख्‍या और आईएफएससी कोड भी बदल जाएंगे। बता दें कि इस संबंध में गत 4 मार्च को सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र में बड़े बैंक बनाने के लिए अपनी मर्जर योजना के रूप में 10 राज्य के स्वामित्व वाले बैंकों के लिए इस योजना को नोटिफाई किया था।

किस बैंक का किस बैंक में होगा विलय

1 अप्रैल के बाद योजना के अनुसार, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को पंजाब नेशनल बैंक में विलय कर दिया जाएगा। इसी प्रकार सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में, इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में और आंध्रा बैंक व कॉर्पोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में विलय होगा।

अब होंगी ये नई शाखाएं

आरबीआई ने कहा है कि इस व्‍यवस्‍था के तहत अब ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया 1 अप्रैल के बाद पंजाब नेशनल बैंक की शाखाओं के तौर पर ही काम करेंगी। सिंडिकेट बैंक अब केनरा बैंक की शाखा के तौर पर काम करेगी। आरबीआई ने कहा कि इलाहाबाद बैंक की शाखाएं इंडियन बैंक के रूप में काम करेंगी जबकि आंध्र बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक की शाखाएँ अगले वित्त वर्ष 2020-21 की शुरुआत से यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया की शाखाओं के रूप में काम करेंगी। यह बदलाव नए वित्‍तीय वर्ष 1 अप्रैल से लागू होने जा रहा है।