नई दिल्ली। कोरोना वायरस से बचने के लिए देशभर में लॉकडाउन का पालन किया जा रहा है। ऐसे में लोगों की कमाई रुक गई है। इसको देखते हुए RBI ने लॉकडाउन की वजह चल रहे हालातों को भांपते हुए आम आदमी को राहत देते हुए कर्ज की किस्त अदा करने से छूट दी थी, लेकिन अब केंद्रीय बैंक ने इसी वजह से बैंको को फटकार लगाई है। सोमवार को बैंको की लिखी चिट्ठी में RBI ने बैंको पर मोरेटेरियम लागू करने में मनमानी का आरोप लगाया है।

भारतीय रिजर्व बैंक का कहना है कि बैंक गलत तरीके से किस्तों में छूट को लागू कर रहे हैं। बैंक ने कहा कि बैंकों ने आदेश को सही तरीके से नहीं समझा और गलत तरीके से नियम लागू कर रहे हैं। बैंको को कर्जधारकों को अनिवार्य रूप से तीन महीने किस्तें ( EMI ) न अदा करने की छूट देनी चाहिए और सिर्फ अपनी तरफ से किस्त देने की पेशकश करने वालों से किस्तें स्वीकार करनी चाहिए न कि किस्त वसूलनी चाहिए।

वहीं बैंकिंग एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर बैंक RBI के हिसाब से रूल लागू करेंगे तो कैश की किल्लत पैदा हो सकती है। इसीलिए बैंको का इस तरह का कदम उठाना व्यवहारिक है। फिलहाल SBI एकमात्र ऐसा बैंक है जिसने अनिवार्य रूप से ये कस्टमर्स को लोन की किस्तों में छूट दे रखी है।

बेरोजगारी की वजह से फंस सकता है लोन- कोरोना की वजह से अर्थव्यवस्था के हर सेक्टर पर बुरा असर पड़ा है जिसके चलते लाखों करोड़ों की संख्या में नौकरी जाने की आशंका है। जिसकी वजह से आने वाले समय में अनसिक्योर्ड लोन बड़ी मात्रा में फंस सकते हैं। उस वक्त को ध्यान में रखते हुए बैंकों को बड़ा घाटा होने की उम्मीद है और इसीलिए बैंक्स फिलहाल लोगों को किस्तों में अनिवार्य रूप से छूट नहीं दे रहे हैं।

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