नई दिल्ली/अहमदाबाद। कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में बुधवार को एक अच्छी खबर निकलकर सामने आई है। देश में ही कोरोनावायरस की वैक्सीन का जानवरों पर प्रयोग शुरू हो गया है। नतीजे आने में 4 से 6 महीने का वक्त लगेगा। गुजरात की जायडस कैडिला कंपनी यह वैक्सीन बना रही है। इसी कंपनी ने 2010 में देश में स्वाइन फ्लू की सबसे पहली वैक्सीन तैयार की थी।

मार्च से ही चल रहा है वैक्सीन पर काम

मार्च में ही कंपनी ने सूचना दी थी कि हम कोरोना वायरस के लिए वैक्सीन बना रहे हैं। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर शर्विल पटेल ने पुष्टि की है कि हम कोरोना की वैक्सीन पर काम कर रहे हैं। वैक्सीन का ट्रायल समय लेने वाली प्रक्रिया होती है। हमें इसमें कामयाबी मिलने की उम्मीद है।

हाईड्रोक्सीक्लोरोक्विन के उत्पादन में दो कंपनियों की 80% भागीदारी

मलेरिया के इलाज में असरदार मानी जाने वाली हाईड्रोक्सीक्लोरोक्विन का भारत में सबसे ज्यादा उत्पादन इप्का लैबोरेटरीज और जायडस कैडिला करती है। फार्मा सेक्टर के जानकारों के अनुसार, भारत में हाईड्रोक्सीक्लोरोक्विन के कुल उत्पादन में इन दोनों कंपनियों की भागीदारी 80% से भी ज्यादा है। जायडस कैडिला हर महीने 20 टन हाईड्रोक्सीक्लोरोक्विन बना सकती है। सरकार ने मंगलवार को हाईड्रोक्सीक्लोरोक्विन समेत 28 दवाइयों के निर्यात पर प्रतिबंध हटा दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ये प्रतिबंध हटाने के संदर्भ में बात की थी, ताकि अमेरिका को पर्याप्त दवाइयां मिल सकें।

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