नई दिल्ली। देशभर में कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है। देश में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ कर 5,360 के पार हो चुकी है। जबकि 164 लोग की मौत हो चुकी है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार की कड़े कदम उठाने के बावजूद संक्रमित के आकड़े बढ़ते ही जा रहे है।

यही नहीं कई डॉक्टर, वैज्ञानिक इस जानलेवा वायरस से बचने के लिए इलाज ढूंढने में जुटे हुए हैं। इस बीच दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्याल ( JNU ) के प्रोफेसर ने दावा किया है, कि (BCG) बीसीजी वैक्सीनेशन कोरोना वायरस से लड़ने में मददगार साबित हो सकता है।
JNU में स्पेशल सेंटर के मॉलिक्यूलर मेडिसिन के प्रोफेसर गोबरधन दास ने कहा है कि बड़े पैमाने पर BCG (बैसिलस कैलमेट गुयरिन ) टीकाकरण वाले देशों में दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में कोरोना वायरस से बेहतर प्रतिरोध होने की संभावना है। दरअसल बीसीजी टीका का इस्तेमाल ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) की बीमारी से बचाने के लिए किया जाता है।
प्रोफेसर के मुताबिक कोरोना वायरस के लिए हमारे पास वर्तमान में टीका नहीं है, लेकिन कुछ लोग बीसीजी के साथ काम कर रहे हैं और इसके सकारात्मक परिणाम भी मिले हैं।उन्होंने कहा कि स्पेन जैसे देशों में जहां टीकाकरण नहीं होता वहां, कोरोना वायरस से मरने वालों की दर ज्यादा है, जबकि पुर्तगाल में जहां टीकाकरण होता है, वहां मृत्यु दर काफी कम है।
प्रोफेसर दास के मुताबिक वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को कोरोना वायरस के लिए दवा और वैक्सीन की खोज करने में ध्यान केंद्रित करना चाहिए। भले ही वैक्सीन खोजने में तीन से चार महीने लग जाए।उन्होंने कहा कि भारत इस बीमारी के प्रसार को रोकने में अन्य देशों की तुलना में बहुत बेहतर कर रहा है। मोदी सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन की वजह से प्रसार को रोकने में मदद मिली है।
Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें
Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें और Youtube पर हमें subscribe करें।