रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने जाने के फैसले के बाद पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने रोजी-मजदूरी करने वालों की हालत पर चिंता जताई। उन्होंने राज्य सरकार व जिला प्रशासन से मजदूरों के भोजन की व्यवस्था करने के साथ ही उनके खाते में पैसे डालने की मांग की। साथ ही छत्तीसगढ़ में फंसे प्रवासी मजदूरों की भी रुपए देकर मदद करने की मांग की है।

डॉ. रमन सिंह ने कहा कि लॉकडाउन पर छत्तीसगढ़ के परिप्रेक्ष्य में मुझे दो बात की चिंता है। एक स्थानीय स्तर में रोज कमाने-खाने वाले गरीब मजदूरों के लिए भोजन की व्यवस्था करनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने सामाजिक संगठन, धार्मिक संगठन, राजनीतिक दलों को साथ लेकर चलने की बात कही।

उन्होंने कलेक्टर के माध्यम से खाद्य सामग्री के वितरण के आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या जिलाधीश पूरे देश का लाखों लोगों को दोनों समय के लिए भोजन और नाश्ते की व्यवस्था कर सकता है। मैंने राजनांदगांव में देखा है कि काफी लोग एसडीएम को फोन कर रहे हैं, लेकिन वे फोन नहीं उठाने को तैयार नहीं है।

दूसरी सबसे बड़ी चिंता है छत्तीसगढ़ में रह रहे बाहर के मजदूरों की मजदूरी को लेकर है। उन्होंने कहा कि कहीं चावल तो कहीं खाना दिया जा रहा है, लेकिन इससे जीवन नहीं चलता है। उनके साथ बच्चे और महिलाएं हैं। उनको बीमारी यदि होती है तो दवाई भी खरीदना है, इसके लिए पैसे की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में उसके खाते में पैसे डालकर मदद करने की जरूरत है।

डॉ. रमन सिंह ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री को पत्र लिख रहा हूं कि कम से कम मजदूरों के खाते में 1000 रुपए ट्रांसफर करने की जरूरत है। आज तारीख तक कोई जवाब देने को तैयार नहीं है कि कितने लोगों को राशन दिया जा रहा है।

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