TRPDESK.कोरोना के कहर में कपड़ा व्यवसाय को भी बड़ा झटका लगा है। अप्रैल से मई तक शादी का सीजन होने के कारण कपड़े का व्यवसाय इस दौरान सबसे अधिक होता है। ऐसे समय में पूरे देश में लॉकडाउन के कारण पूरा व्यवसाय ठप पड़ा है। कपड़ा व्यवसायियों का मानना है कि अब छह माह तक इस व्यवसाय में कोई हलचल नहीं होने वाली। कपड़ा व्यवसाय को उठने में एक साल का भी समय लग सकता है। व्यवसाय पूरी तरह से ठप होने के कारण 100 करोड़ से अधिक का झटका लगा है। कोरोना के कहर में आम आदमी से लेकर व्यवसायिक गतिविधियों पर असर पड़ा है। 19 मार्च के बाद से कोराना के कारण हुए लॉकडाउन ने प्रदेश में इस व्यवसाय से जुड़े लोगों की कमर तोड़ दी है। दुकानें बंद होने और पहले से मिले आर्डर की सप्लाई नहीं होने से पूरा कपड़ा मार्केट बैठ गया है। मार्च से मई तक शादी ब्याह के सीजन में व्यापारी अच्छा व्यापार करते हैं। छुट्टियों के कारण भी लोग कपड़ा खरीदी में बहुत रुचि रखते हैं। दिवाली के बाद यह दूसरा अवसर होता है, जब इसका व्यवसाय सर्वाधिक होता है। ऐसे समय में लॉकडाउन करने से इस व्यवसाय से जुड़े लोगों की आय पर बड़ा असर पड़ा है।

पंडरी कपड़ा मार्केट के कपड़ा व्यवसायी बताते हैं कि इससे 60 से 70 करोड़ का अंतर इस व्यवसाय में आया है। सरकार द्वारा लॉकडाउन के दौरान किसी तरह का कोई फंक्शन नहीं होने से कई शादियों के आयोजन को कैसिंल कर दिया गया है। चूंकि कपड़ा आश्वयक जरूरत की श्रेणी में नहीं आता है, ऐसे में लोग इसकी खरीदारी करने में जल्दबाजी नहीं करते। इसमें अब उठाव आने में सालभर का समय लग सकता है।

100 करोड़ से अधिक का झटका

पंड़री कपड़ा मार्केट के व्यवसायी आकाश मोदी ने बताया कि कोरोना के कारण कपड़ा मार्केंट पूरी तरह ठप होने से करीब 100 करोड़ का झटका लगा है। राजधानी के पंडरी कपड़ा मार्केट में अप्रैल से मई का महीना व्यवसाय के लिए सबसे अच्छा सीजन होता है। व्यापारी इस दौरान कई फैंसी और अन्य कपड़ों का आर्डर देते हैं। थोक और चिल्हर व्यवसाय पर दोनों पर इसका बड़ा असर पड़ा है। इस सीजन में व्यवसाय पूरी तरह से ठप होने से व्यवसायियों में निराशा है।