टीआरपी डेस्क। दुनियाभर में महामारी का रूप ले चुके कोरोना वायरस की उत्‍पत्ति को लेकर अब तक कई शोध हो चुके हैं और कई चल रहे हैं। अब तक हुए कई शोध से निकली जानकारी के मुताबिक कहीं न कहीं इसकी उत्‍पत्ति के पीछ चमगादड़ ही हैं। चीन से हुए शोध में भी यही बात सामने आई थी जबकि अब अमेरिका यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न केलीफोर्निया की प्रोफेसर पाउली केनन के शोध में भी काफी कुछ यही बात निकलकर आई है।

एक दशक में आई संक्रामक रोगों का संबंध वन्‍यजीवों से

यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर मौजूद एक खबर के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी और पिछले एक दशक में आई संक्रामक रोगों का संबंध वन्‍यजीवों से है। यूनिवर्सिटी में प्रफेसर पाउला कैनन ने कहा, ‘हमने ऐसी परिस्थितियां पैदा की हैं जिसमें मात्र कुछ समय के अंदर यह हो गया। यह कुछ समय बाद दोबारा होगा।’ वैज्ञानिक अभी यह निश्चित नहीं हैं कि ताजा संक्रमण कैसे शुरू हुआ लेकिन उनका मानना है कि कोरोना वायरस घोड़े की नाल के आकार के चमगादड़ों से फैला है।

शोध में मिले हैं पर्याप्त साक्ष्य

कैनन के मुताबिक शोध के जरिए इस बात के पर्याप्‍त साक्ष्‍य सामने आए हैं कि कोरोना वायरस चमगादड़ों के जरिए ही इंसान में फैला और फिर ये एक से दूसरे इंसान में होते हुए पूरी दुनिया में फैल गया। उनके इस शोध में वही बात निकलकर आई है जो इससे पहले कई दूसरी रिसर्च में भी आ चुकी है। कैनन के मुताबिक चीन के वुहान शहर के एक मीट मार्केट से इंसानों में कोरोना वायरस फैला।

बता दें कि इस मार्केट में जिंदा वन्‍यजीव बेचे जाते थे और ये चीन की सबसे बड़ी मीट मार्केट में से एक है। उन्‍होंने ये भी कहा कि इसी तरह के संक्रमण कुछ साल पहले भी मर्स और सार्स के दौरान हुए थे। इनकी भी वजह यही जानवर थे।

मर्स और सार्स चमगादड़ से बिल्लियों से निकलकर इन्सानों तक पहुंचा

इनकी रिसर्च बताती है कि मर्स वायरस चमगादड़ों से ऊंटों में फैला और ऊंटों से इंसान में इसका संक्रमण हुआ। वहीं सार्स चमगादड़ से बिल्लियों में फैला और वहां से इंसानों में पहुंचा। रिसर्च टीम के वैज्ञानिक इस बात में एक राय रखते हैं कि इबोला वायरस भी चमगादड़ों से ही इंसानों में आया था। इस वायरस ने वर्ष 1976, 2014 और 2016 में अफ्रीका में कई लोगों की जान भी ली थी। केनन की मानें तो शोध के दौरान उन्‍हें कोरोना वायरस के ऐसे कई जेनेटिक कोड मिले हैं जो चमगादड़ों में पाए जाते हैं।

सौ साल में होता है ऐसा

हालांकि केनन इस बात को लेकर अब तक स्‍पष्‍ट नहीं हैं कि पैंगोलिन सीधेतौर पर इसके संपर्क में आए हैं या फिर उन्‍हें ये वायरस चमगादड़ों से मिला है। उनकी मानें तो चमगादड़ में सैकड़ों किस्‍म के कोरोना वायरस पाए जाते हैं। उन्‍होंने इस बात की भी आशंका जताई है कि भविष्‍य में और ज्‍यादा कोरोना वायरस इंसानों को संक्रमित कर सकते हैं। हालांकि ऐसा 100 वर्षों में एक बार ही होता है। लेकिन यह जब होगा तब जंगल की आग तरह से पूरी दुनिया में फैल जाएगा।

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