नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच केंद्रीय कर्मचारियों व पेंशनधारियों के डीए काटे जाने के केंद्र सरकार के फैसले पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बेहद नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता रोकना ‘असंवेदनशील और अमानवीय’ है।

उन्होंने केंद्र सरकार पर लगातार आरोप लगाया कि कोरोना संकट से निपटने में उसका रवैया ‘असंवेदनशील और अमानवीय’ है। आज उन्होंने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता (DA) काटे जाने के फैसले का हवाला देकर यह आरोप दोहराया है।
बता दें कि राहुल ने गुरुवार को केंद्र पर लॉकडाउन में मजदूरों और असहाय आबादी का ख्याल नहीं रखने का आरोप लगाया था।
राहुल गांधी ने डीए रोके जाने पर ट्वीट किया कि लाखों करोड़ की बुलेट ट्रेन परियोजना और केंद्रीय विस्टा सौंदर्यीकरण परियोजना को निलंबित करने की बजाय कोरोना से जूझ कर जनता की सेवा कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशन भोगियों और देश के जवानों का महंगाई भत्ता (DA)काटना सरकार का असंवेदनशील तथा अमानवीय निर्णय है।
लाखों करोड़ की बुलेट ट्रेन परियोजना और केंद्रीय विस्टा सौंदर्यीकरण परियोजना को निलंबित करने की बजाय कोरोना से जूझ कर जनता की सेवा कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशन भोगियों और देश के जवानों का महंगाई भत्ता(DA)काटना सरकार का असंवेदनशील तथा अमानवीय निर्णय है।https://t.co/LTGPf53VsA
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 24, 2020
इधर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सुझाव को मानते हुए केंद्र सरकार अपने फिजूल खर्चे पर रोक लगाकर ढाई लाख करोड़ रुपये बचा सकती है, जिसका इस्तेमाल संकट के इस समय में लोगों की मदद के लिए हो सकता है।
जले पर नमक छिड़क रही है सरकार
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के संकट से पैदा हुई आर्थिक मंदी और आय की तंगी पर मरहम लगाने के बजाय मोदी सरकार जले पर नमक छिड़कने में लगी है। सुरजेवाला ने सवाल किया कि उसने हाल ही में 30 लाख 42 हजार करोड़ रुपये का बजट पारित किया।
बजट में आय एवं खर्चे का लेखा-जोखा स्पष्ट तौर से दिया जाता है। फिर बजट पेश करने के 30 दिन के अंदर ही मोदी सरकार सेना के जवानों, सरकारी कर्मचारियों तथा पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते पर कैंची चलाकर क्या साबित कर रही है?
सैनिकों पर भी असर
उन्होंने दावा किया कि महंगाई भत्ते में ‘अन्यायपूर्ण कटौती’ से लगभग 1.13 लाख सैनिकों, कर्मचारियों और पेंशनरों की तनख्वाह से सालाना 37,530 करोड़ रुपये की कटौती होगी।
सुरजेवाला ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि मोदी सरकार द्वारा महंगाई भत्ते की कटौती कर जख्म देने की इस कवायद ने देश की रक्षा करने वाले तीनों सेनाओं के हमारे सैनिकों तक को नहीं बख्शा। इस कटौती के जरिए सेनाओं के 15 लाख सैनिकों और लगभग 26 लाख सैन्य पेंशनभोगियों के 11 हजार करोड़ रुपये काट लिये जाएंगे।
बुलेट ट्रेन और सेंट्रल विस्टा परियोजना कैंसिल क्यों नहीं की
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बावजूद सरकार ने आज तक 20 हजार करोड़ रुपए की लागत वाली सेंट्रल विस्टा परियोजना खारिज नहीं की। न ही उसने 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपए की लागत वाली बुलेट ट्रेन परियोजना बंद की।
उसने फिजूल के सरकारी खर्चों में कटौती की घोषणा भी नहीं की, जिससे 2 लाख 50 हजार करोड़ रुपए सालाना बच सकते हैं। सुरजेवाला ने सरकार से आग्रह किया कि वह इन परियोजनाओं पर रोक लगाए और ‘फिजूल खर्चे’ बंद करे। सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत संसद और मध्य दिल्ली की कई सरकारी परिसंपत्तियों के पुनर्निमाण का प्रस्ताव है।
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