उत्तरप्रदेश। लॉकडाउन के चलते सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ रहा है. ऐसे में घाटा कम करने के लिए अब उत्तर प्रदेश सरकार ने एक फैसला लिया है. योगी सरकार ने केंद्र की तर्ज पर राज्य के कर्मचारियों का जनवरी से प्रस्तावित महंगाई भत्ता (DA) और पेंशनरों की महंगाई राहत रोकने का ऐलान किया है. इसके साथ ही सरकार ने छह तरह के भत्ते भी स्थगित कर दिए हैं. एक जनवरी 2020 से जून 2021 तक महंगाई भत्ता बंद रहेगा. इसके अलावा सचिवालय भत्ता, पुलिस भत्ता भी बंद कर दिया गया है।

16 लाख कर्मचारी प्रभावित होंगे 

इस फैसले से यूपी में करीब 16 लाख से ज़्यादा कर्मचारी प्रभावित होंगे. वहीं 11.82 लाख पेंशनरों को झटका लगा है. कहा जा रहा हैकि इस फैसले से करीब 10 हजार करोड़ रुपए की बचत हो सकती है।

केंद्र सरकार ने भी किया ऐलान

इससे पहले घाटे को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने 23 अप्रैल को कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिलने वाले अतिरिक्त महंगाई भत्ते पर रोक लगाने का ऐलान किया था. इस संबंध में सरकार की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई थी. इसमें कहा गया था कि कोविड-19 की वजह केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिलने वाला अतिरिक्त महंगाई भत्ता जो 1 जनवरी, 2020 से बकाया है उसका भुगतान नहीं किया जाएगा। साथ ही 1 जुलाई, 2020 से 1 जनवरी, 2021 तक के अतिरिक्त हंगाई भत्ते का भी भुगतान नहीं किया जाएगा। हालांकि सरकार ने कहा है कि इस वक्त जिस दर पर महंगाई भत्ता मिल रहा है वो जारी रहेगा।

साथ ही ये भी कहा गया कि इस दौरान का एरियर भी नहीं मिलेगा. विज्ञप्ति में कहा गया था कि ये फैसला सभी केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स पर लागू होगा. मार्च में केंद्रीय कैबिनेट ने डीए में 4 पर्सेंट की बढ़ोतरी को मंजूरी दी थी. इसे 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 21 प्रतिशत किया गया था. इसी बढ़ोतरी पर रोक लगाई गई है. सरकार के इस कदम का लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर पर असर पड़ेगा. सरकार साल में दो बार डीए में बदलाव करती है. इसका मकसद महंगाई में बढ़ोतरी की भरपाई करना होता है।

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