नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण काल में आपदा को अवसर में बदलने की भारत की नीति लगातार सफलता के करीब पहुंचती जा रही है। दरअसल लगभग 1000 कंपनियां आने वाले वक्त में भारत में काम शुरू करना चाहती है। इसकी शुरुआत लावा ने कर भी दी है। मोबाइल उपकरण बनाने वाली कंपनी लावा इंटरनेशनल ने चीन से अपना कारोबार समेट कर भारत आने की घोषणा कर इसकी शुरूआत कर दी है।

कंपनी ने ये फैसला भारत द्वारा हाल ही में लिए गए नीतिगत बदलावों के बाद किया है। कंपनी ने अगले 5 साल के दौरान 800 करोड़ रुपये निवेश की योजना बनाई है। ये निवेश कंपनी अपने मोबाइल फोन डेवलपमेंट और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने के लिये करेगी।

लावा इंटरनेशनल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक हरी ओम राय ने बताया कि प्रोडक्ट डिजाइन के क्षेत्र में चीन में हमारे कम से कम 600 से 650 कर्मचारी हैं। हमने अब डिजाइनिंग का काम भारत में स्थानांतरित कर दिया है। इसके लिए कंपनी ने कारखाना में शुरू करने का निश्चय किया है। कंपनी अभी तक चीन में प्रोडक्ट निर्माण कर पूरी दुनिया में मोबाइल निर्यात करती थी अब यही काम भारत के कारखानों में किया जाएगा।

0.1000 कंपनियां भारत में करना चाहती है व्यापार- कोरोनावायरस के बाद लगभग 1000 विदेशी कंपनियां चीन से अपना बोरिया-बिस्तर बांधने की तैयारी में है इनमें 300 से ज्यादा कंपनियां भारत में काम शुरू करने की इच्छुक हैं और इसके लिए उन्होने भातरत में संबंधित अधिकारियों से बात भी शुरू कर दी है । लॉकडाउन खुलने के साथ ही ये कंपनियां काम भी शुरू कर सकती है।

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