टीआरपी डेस्क। बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ ने खतरनाक रूप ले लिया है। इसके साथ ही ओडिशा और पश्चिम बंगाल को हर परिस्थिति से निपटने को तैयार रहने के लिए कहा गया है। अम्फान के ताकतवर तूफान के तौर पर 20 मई की दोपहर से शाम के बीच सागर द्वीप के पास टकराने की आशंका है। इसकी वजह से उत्तर और दक्षिण 24 परगना, कोलकाता, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर जैसे तटीय इलाकों में 19 से हल्की से भारी बारिश के आसार हैं।


जानें कैसे रखे जाते हैं तूफानों के नाम

इससे पहले फेनी तूफानी ने ओडिशा में तबाही मचाई थी। फेनी तूफान को यह नाम बांग्लादेश ने दिया है और इसका बांग्ला और ओडिया में मतलब नाग का फन होता है।

समझौते के तहत रखे जाते हैं इनके नाम

दरअसल तूफानों के नाम एक समझौते के तहत रखे जाते हैं। इस पहल की शुरुआत अटलांटिक क्षेत्र में 1953 में एक संधि के माध्यम से हुई थी। अटलांटिक क्षेत्र में ह्यूरिकेन और चक्रवात का नाम देने की परंपरा 1953 से ही जारी है जो मियामी स्थित नैशनल हरिकेन सेंटर की पहल पर शुरू हुई थी। 1953 से अमेरिका केवल महिलाओं के नाम पर तो ऑस्ट्रेलिया केवल भ्रष्ट नेताओं के नाम पर तूफानों का नाम रखते थे। लेकिन 1979 के बाद से एक मेल व फिर एक फीमेल नाम रखा जाता है।

चक्रवातों का नाम रखने को भारत ने की थी पहल

 

हिन्द महासागर क्षेत्र में यह व्यवस्था साल 2004 में शुरू हुई जब भारत की पहल पर 8 तटीय देशों ने इसको लेकर समझौता किया। इन देशों में भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्यांमार, मालदीव, श्रीलंका, ओमान और थाईलैंड शामिल हैं। अंग्रेजी वर्णमाला के अनुसार सदस्य देशों के नाम के पहले अक्षर के अनुसार उनका क्रम तय किया गया है। जैसे ही चक्रवात इन आठ देशों के किसी हिस्से में पहुंचता है, सूची में मौजूद अलग सुलभ नाम इस चक्रवात का रख दिया जाता है।
इससे तूफान की न केवल आसानी से पहचान हो जाती है बल्कि बचाव अभियानों में भी इससे मदद मिलती है। किसी भी नाम को दोहराया नहीं जाता है। अब तक चक्रवात के करीब 64 नामों को सूचीबद्ध किया जा चुका है। कुछ समय पहले जब क्रम के अनुसार भारत की बारी थी तब ऐसे ही एक चक्रवात का नाम भारत की ओर से सुझाये गए नामों में से एक ‘लहर’ रखा गया था।

अब तक के बड़े चक्रवात जिन्होंन मचाई थी तबाही

1. इरमा :
अमेरिका में आए इस शक्तिशाली तूफान को एक फिक्शनल कैरेक्टर के नाम पर रखा गया है। हैरी पॉटर में ‘इरमा पींस’ नाम का एक महिला कैरेक्टर है। इसी के चलते इस तूफान का नाम ‘इरमा’ रखा गया।
2. फेलिप :
साल 2005 में बरमूडा में आए फेलिप तूफान का नाम संत फेलिप के नाम पर रखा गया था।
3. वरदा :
पिछले वर्ष तमिलनाडु को वरदा चक्रवात का सामना करना पड़ा था। वरदा का अर्थ दरअसल लाल गुलाब होता है। लेकिन इसके नाम के अर्थ पर ज्यादा तवज्जो देने की जरूरत इसलिए नहीं है क्योंकि इनकी प्रकृति तबाही मचाने की ही होती है। जहां तक वरदा की बात है इसका नाम पाकिस्तान ने दिया था।
4. महासेन :
2013 में श्रीलंका सरकार ने एक तूफान का नाम ‘महासेन’ रख दिया था जिसको लेकर काफी विवाद भी हुआ था। इसकी वजह थी कि महासेन श्रीलंका के इतिहास में समृद्धि और शांति लाने वाले राजा के तौर पर दर्ज हैं, जिनके नाम पर एक विनाशकारी तूफान का नाम रख दिया गया था। बाद में सरकार ने यह नाम वापस ले लिया था।

5. हुदहुद :
साल 2014 में आंध्रप्रदेश और नेपाल में आए ‘हुदहुद’ तूफान ने भारी तबाही मचाई थी। ओमान ने इस चक्रवात का नाम एक पक्षी के नाम पर ‘हुदहुद’ दिया था।
6. फालीन :
‘फालीन’ चक्रवात का नाम थाईलैंड की ओर से सुझाया गया था। 2014 में म्यांमार ने इस इलाके में आए तूफान का नाम ‘नानुक’ तो वहीं पाकिस्तान ने नीलम, नीलोफर नाम दिया था।

 

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें 

Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें  और Youtube  पर हमें subscribe करें।