चंडीगढ़। स्कूलाें में लाॅकडाउन के कारण अब ऑनलाइन सिस्टम ही पढ़ाई करवाई जा रही है। कुछ स्कूलाें में क्लासेज चल रही हैं। और कुछ स्कूलाें में शुरू करने की प्लानिंग चल रही है। जहां पर क्लासेज चल रही है उनके पेरेंटस का कहना है कि ऑनलाइन क्लासेज से बच्चे ओवर वर्डन हाे रहे है, क्याेंकि क्लासेज लगातार चल रही है। राेजाना 3 से 4 सब्जेक्टस की क्लास ली जा रही है। 3 से 4 घंटे की ऑनलाइन क्लासेज अगर आपका बच्चा लगा रहा है ताे उसकाे कंप्यूटर वीजन सिंड्राेम बीमारी भी हाे सकती है। इतना ही नहीं अगर ऑनलाइन क्लासेज में बच्चाें काे ब्रेक नहीं दिया जा रहा ताे उनकाे चश्मा भी लग सकता है।

क्या है कंप्यूटर वीजन सिंड्राेम

जीएमसीएच के प्राेफेसर एंड हेड ऑफ आई डिपार्टमेंट डाॅ. सुरेश गुप्ता बताते हैं कि अगर राेजाना बच्चा 3 से 4 घंटे लेपटाॅप, कंप्यूटर या फिर माेबाइल के सामने बैठ रहा है ताे उसकाे कंप्यूटर विजन सिंड्राेम हाे सकता है। ऐसे में बच्चे का ब्लिंक रेट कम हाे जाता है, क्याेंकि पलक झपकना बहुत जरूरी हाेता है लेकिन जब बच्चा स्क्रीन के सामने बैठता है नार्मिली देखा गया है कि बच्चे पलक नहीं झपकाते है। जब हम स्क्रीन के सामने बैठकर पलक कम झपकाते हैं ताे उससे आंखाें में ड्राईनेस हाे जाती है, जिससे सिरदर्द, आंखाें से पानी निकलना, आंखाें पर स्ट्रेन पढ़ना जैसी प्राॅब्लम आ सकती है।

ब्रेक लेते हुए लेनी चाहिए क्लास

लाॅकडाउन में जब बच्चे घर पर हैं उनकी आउटडाेर एक्टिविटिज नहीं है ताे फिर कंटीन्यू ऑनलाइन क्लासेज से चश्मा भी लग सकता है। स्कूलाें काे चाहिए कि ऑनलाइन क्लासेज काे कंटीन्यू 3 से 4 घंटे लेने की बजाय बीच में ब्रेकस के साथ लें। ब्रेकस बहुत जरूरी कंटीन्यू करने से ताे दाे तीन दिन में ही बच्चाें काे इस तरह की परेशानी आ सकती है। बच्चाें काे रेस्ट के लिए टाइम मिले इसके लिए ऑनलाइन क्लासेज के बाद कम से कम एक्टिविटिज दें, एडिशनल हाेम वर्क न दें।

स्क्रीन टाइम कम हाेना चाहिए

लाॅकडाउन के चलते ऑनलाइन क्लासेज अगर जरूरी है ताे उसका स्क्रीन टाइम कम करना चाहिए क्याेंकि बच्चाें के ग्राेईंग ईयर्स में ये हेल्दी नहीं है। इसके साथ ही पेरेंटस का चाहिए कि जब तक ऑनलाइन क्लासेज चल रही है वाे बच्चों का एकस्ट्रर स्क्रीन टाइम बिल्कुल बंद रखें। दूसरा क्लास अटेंड करते समय बच्चाें काे चाहिए कि वे बीच-बीच में 20 मिनट के बाद अपनी आखें बंद करते रहें, पलकें झपकते रहें। पलक झपकने से बलिंक रेट कम नहीं हाेगा।

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