नई दिल्‍ली/रायपुर। दक्षिण-पूर्व और उससे सटे पूर्वी-मध्य अरब सागर के ऊपर 31 मई से 4 जून के दौरान एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने कहा है कि ये स्थितियां दिखाती हैं कि केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत पहली जून से हो सकती है। वहीं भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि केरल में पहली जून से दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं।

छत्तीसगढ़ में शुष्क रहेगा मौसम


स्‍काईमेट वेदर की रिपोर्ट के मुताबिक, केरल, दक्षिणी-आंतरिक कर्नाटक और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में प्री-मॉनसून की बारिश जारी रहेगी। वहीं अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह और लक्षद्वीप पर भारी बारिश हो सकती है।

देश के दूसरे हिस्‍सों हरियाणा, दिल्ली, दक्षिण-पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान के कुछ हिस्सों में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी रहेगा। वहीं राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और आंतरिक महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में लू का प्रकोप जारी रहने के साथ मौसम शुष्क रहेगा।

मानसून के लिए परिस्थितियां अनुकूल

मौसम विभाग की ओर से जारी बुलेटिन में यह भी कहा गया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून मालदीव-कोमोरिन क्षेत्र के कुछ हिस्सों, दक्षिण बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों और अंडमान सागर एवं अंडमान निकोबार द्वीप समूह के शेष हिस्सों में आगे बढ़ा है।

मौसम विज्ञानियों का कहना है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून और आगे ही बढ़ता जाएगा क्‍योंकि अगले 48 घंटों के दौरान मालदीव-कोमोरिन क्षेत्र के कुछ और हिस्सों में इसके लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं। यह केरल में मानसून के दाखिल होने और बरसात के मौसम की शुरुआत के लिए शुभ संकेत है।