टीआरपी डेस्क। थॉट आर्बिट्रेज रिसर्च इंस्टीट्यूट (टेरी) की एक स्टडी के मुताबित तंबाकू उत्पादों का हर साल भारत की इकोनॉमी में करीब 11.79 लाख करोड़ रुपए का योगदान रहता है। यह राशि भारत सरकार द्वारा हाल ही में कोरोना संकट के लिए जारी किए गए पैकेज का 59 फीसदी हिस्सा है। पीएम मोदी के मुताबिक जारी किया गया पैकेज यदि जीडीपी का 10 फीसदी है तो यह राशि भी जीडीपी के 5 फीसदी हिस्से से ज्यादा है। ऐसे में राजस्व के लिए तंबाकू का कोरोबार सरकार जिंदगियों से खेल कर भी जारी रखेगी। यह लाचार सरकार की मजबूरी है यहां संभलना सिर्फ आप को ही है।

इसे ऐसे समझें-

4.57 करोड़ लोगों का रोजगार

भारत में तकरीबन 4.57 करोड़ लोग तंबाकू उद्योग और इससे संबंधित क्षेत्र में रोजगार से अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं। रिपोर्ट केइ अनुसार देश में तकरीबन 60 लाख किसान तंबाकू की खेती करते हैं। इस खेती से करीब दो करोड़ खेतिहर मजदूरों की रोजी-रोटी चलती है इसलिए तंबाकू उत्पादों का प्रोड्क्शन पूरी तरह बंद होने से इतनी बड़ी तादाद में भूखमरी की हालत पैदा हो जाएगी।

एक्सपोर्ट से जुड़े 85 लाख लोग

तंबाकू उत्पादों के प्रोड्क्शन को बंद करना इसलिए भी संभव नहीं है क्योंकि तकरीबन 40 लाख लोग तंबाकू की पत्तियां तोड़ने के काम से अपनी आजीविका चलाते हैं। इसके अलावा एक्सपोर्ट के कारोबार में 85 लाख कर्मचारी काम करते हैं। वहीं तंबाकू और इसके उत्पादों के खुदरा कारोबार में 72 लाख लोग शामिल हैं।

6 हजार करोड़ की विदेशी करंसी

टेरी की स्टडी के मुताबिक भारत दुनिया में तंबाकू प्रोड्क्ट्स का दिग्गज एक्सपोर्टर है। इससे सरकार को सालाना 6 हजार करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है। भारत 4,173 करोड़ रुपए का कच्चा तंबाकू एक्सपोर्ट करता है। सिगार, चेरूट, सिगारिलोस, सिगरेट और कई अन्य प्रोड्क्ट्स के एक्सपोर्ट का बिजनैस 1,830 करोड़ रुपए का है।

100 से ज्यादा देशों में कारोबार

फ्लू क्योर्ड वर्जीनिया (एफसीवी) तंबाकू की विश्व में सबसे ज्यादा मांग है। तंबाकू पत्तियों का विश्व में एक्सपोर्ट का बिज़नेस 12 अरब डॉलर का है, जिसमें भारत की 5 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। भारत इस तंबाकू की फसल का 70 फीसदी हिस्सा निर्यात कर देता है। भारत का 100 से ज्यादा देशों में तंबाकू का एक्सपोर्ट का कारोबार है। इस तरह इस सैक्टर का भारत की इकोनॉमी में करीब पौने बारह लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की हिस्सेदारी है।

जिंदगी की राह आपके हाथ

इन आंकड़ों से एक बात तो साफ है कि भारत तंबाकू का कारोबार बंद करता है तो देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से डांवाडोल हो जाएगी। जाहिर है तंबाकू के सेवन से लोगों को ही बचना है। सरकार लोगों की जिंदगियों से खेल कर अपना काम जारी रखेगी, उत्पादों पर मौत के संदेश चस्पे रहेंगे, ऐसे में एकमात्र विकल्प सिर्फ आप खुद हैं। जिंदगी और मौत की राह निस्संदेह आपको चुननी है।

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